सम्पादकीय

अपना 'बाय नथिंग' ग्रुप बनाएं और जरूरत से ज्यादा को रिसाइकल करने में मदद करें

Rani Sahu
24 Nov 2021 6:33 PM GMT
अपना बाय नथिंग ग्रुप बनाएं और जरूरत से ज्यादा को रिसाइकल करने में मदद करें
x
आपात स्थिति में जब सब बंद हो, पड़ोसियों का चीनी, दूध या धनिया मांगना आम है

एन. रघुरामनआपात स्थिति में जब सब बंद हो, पड़ोसियों का चीनी, दूध या धनिया मांगना आम है। पर जब कोई डायपर मांगे, तो क्या कहेंगे? 2020 में एक दिन के पहले लॉकडाउन में हमारे एरिया में रहने वाली एक युवा डॉक्टर के 8 महीने के बेटे का पेट खराब था। उनके पास दवाएंं थीं, इलाज भी मालूम था, पर डायपर्स खत्म हो गए थे। उन्होंने जरूरत के बारे में ग्रुप में पोस्ट किया और मैंने डायपर पहुंचा दिया।

हम डायपर रखते हैंं क्योंकि हमारे यहां फीमेल डॉग के मेंस्ट्रुएशन में काम आता है। हम ये घटनाक्रम भूल चुके थे, पर जब मेरी एक गर्भवती चचेरी बहन वायरस के गंभीर खतरे के चलते प्रसव के लिए दाई के साथ न्यूयॉर्क से न्यू हैवन गई, तो ये याद आया। हड़बड़ी में वह प्रसव के पहले और बाद में लगने वाला सामान भूल गई। उसका प्रसव करीब था और उस शहर में वह किसी को नहीं जानती थी।
उसका पति वापस न्यूयॉर्क जाने ही वाला था कि किसी ने सलाह दी कि फेसबुक के ग्रुप 'बाय नथिंग' (कुछ नहीं खरीदें) पर पोस्ट करके देखे। पोस्ट को ग्रुप के सदस्यों ने ऐसे लिया जैसे किसी दुश्मन से लड़ने के लिए हथियारों की जरूरत हो। मदद की पेशकश ने ना सिर्फ मूलभूत चीजें जुटा दीं बल्कि अगले छह महीने के सारे सामान भी इकट्‌ठे हो गए।
नर्सिंग पैड से लेकर डायपर, पालना, झूला और हर महीने के कपड़ेे भी थे। इन्हें लेने के लिए पति पूरे शहर में घूमा और 'बाय नथिंग' के लोगों ने किसी की मदद पर गर्व महसूस किया। सुरक्षित प्रसव के बाद उसने 'बाय नथिंग' से जुड़ाव पर ढेरों किस्से लिख डाले, जिसने जाहिर तौर पर शहर भर में दोस्त बनाने में उसकी मदद की और कई लोगों के साथ नाता जोड़ दिया।
अमेरिका में 'बाय नथिंग' के तहत ऐसी चीजें दान करते हैं, जिसकी जरूरत नहीं होती। इनमें बच्चों के कपड़ों से लेकर, इलेक्ट्रॉनिक्स, परचून स्टोर में खड़े रहने में असमर्थ बुजुर्ग महिलाओं को दलिया, टॉयलेट पेपर, कई सामानों में किफायत से इस्तेमाल बगीचे उपकरण भी होते हैं। सामान देने के साथ निजी संबंधों को बढ़ावा देती 'बाय नथिंग' प्रवृत्ति महामारी के बाद से बढ़ी है, जब दोनों की कमी रही। दुनिया में हर चीज के दाम बढ़ने के बाद ये फिर से बड़े रूप में वापस आई है। और इसने गति पकड़ी है ताकि हर किसी के लिए आने वाला क्रिसमस बेहतर हो।
ये फेसबुक केंद्रित दुनिया है और एक सलाह के साथ हॉलिडे चैलेंज चल रहा है कि 'इन छुटि्टयों में तोहफे खरीदने से पहले पुनर्विचार करें। इसके बजाय आसपास के लोगों को दें और उनसे मांगें। ये काम करता है!' 'बाय नथिंग' एप भी है और लोग कार और जैकूज़ी भी दे रहे हैं। याद रखें कि अभी सेकंड हैंड कार के बेहतर दाम मिलने के बावजूद ये हो रहा है।
उद्देश्य, अपने आसपास सामान व सेवाएं देने को बढ़ावा देना है, ताकि कुछ भी बर्बाद न हो और इस ग्रह धरती पर फेंका न जाए। 'बाय नथिंग' प्रोजेक्ट 2013 में इसकी सह-संस्थापक लीसल क्लार्क व रेेबेका रॉकफेलर की नेपाल-तिब्बत सीमा पर एक सुदूर गांव की यात्रा से आगे बढ़ा। उन्होंने देखा कि कैसे लोग खतरनाक पहाड़ी सड़कों पर ट्रकों से छिटपुट आते सीमित संसाधनों को आपस में बांटते हैं।
जब वे वापस वॉशिंगटन आईं, तो उन्होंने देने और वेस्ट कम करने का ये प्रोजेक्ट शुरू किया। उस साल के उत्तरार्ध में 'बाय नथिंग' ग्रुप साधारण से नियम के साथ शुरू हुआ- कोई बिक्री नहीं, कोई व्यापार नहीं और कोई वस्तु विनिमय नहीं। जब ग्रुप बड़ा हो गया और हजारों लोग जुड़ गए, तो उन्होंने ग्रुप को 800 लोगों के स्थानीय ग्रुप मेें बांट दिया।
फंडा ये है कि अपना 'बाय नथिंग' ग्रुप बनाएं और जरूरत से ज्यादा को रिसाइकल करने में मदद करें। पृथ्वी माता आपको आशीष देगी क्योंकि आप उस पर कुछ फेंके जाने से रोक रहे हैं।
Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story