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सम्पादकीय
विटामिन सी और जिंक का ज्यादा मात्रा में सेवन कर सकता है लिवर को नुकसान: विशेषज्ञ
Gulabi Jagat
17 July 2022 8:45 AM GMT
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विशेषज्ञ
शालिनी सक्सेना
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रिशन द्वारा हाल ही में एक सर्वे किया गया है. इसमें बताया गया है कि कोरोना (Corona) की दूसरी लहर के दौरान इम्यूनिटी (Immunity) बढ़ाने के लिए विटामिन सी से भरपूर फलों के साथ-साथ विटामिन सी और जिंक वाली दवाइयों (Vitamin C and zinc medicines) का भरपूर सेवन किया गया. यह सोशल मीडिया पर मौजूद गलत जानकारियों की वजह से हुआ. सर्वे में शामिल क्रमश: 62.9 प्रतिशत और 50.9 प्रतिशत लोगों ने अदरक और लहसन जैसे मसालों का इस्तेमाल किया था. डॉक्टरों का कहना है कि अधिक मात्रा में विटामिन सी और जिंक लेने से लिवर (liver) की सेहत पर असर पड़ सकता है. विशेषज्ञों की सलाह के बिना इनका सेवन नहीं करना चाहिए.
मुंबई के वॉकहार्ट अस्पताल में कंसलटेंट डॉक्टर हनी सावला ने टीवी 9 से बातचीत में बताया कि किसी भी चीज का ज्यादा इस्तेमाल हमारे सिस्टम के लिए अच्छा नहीं है. डॉ सावला ने समझाया, "जैसे ज्यादा काढ़ा पीने वाले लोगों की बात करें तो उनमें लिवर से जुड़ी बीमारियों में बढ़त देखी गई है. ऐसे लोगों के लिवर में सूजन और लिवर एंजाइमों में वृद्धि हुई. इसके ज्यादा सेवन की वजह से लोगों के लिवर को नुकसान पहुंचा. इसलिए यह जरूरी है कि लोग इसे न पिएं. लोगों को इसकी वजह से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना होगा. कुछ हद तक यह पेय (ड्रिंक) किडनी को भी प्रभावित करता है."
विटामिन C और जिंक सप्लीमेंट ज्यादा लेने के खतरे
एक स्टडी के मुताबिक जिंक म्यूकोर्मिकोसिस (Mucormycosis) से जुड़ा हुआ है. डॉ सावला ने कहा, "जिंक को गैस्ट्रोएंटेराइटिस का कारण भी माना जाता है. यह मतली और दस्त की वजह भी बन सकता है. इसलिए जिंक केवल तभी लिया जाना चाहिए जब आवश्यक हो और वह भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार"
डॉ. सावला ने कहा कि अगर लोग विटामिन C की टैबलेट लेते हैं तो ज्यादा दिक्कत नहीं है. लेकिन किसी भी चीज का ज्यादा सेवन प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है. अब तक हमने रोगियों में विटामिन C का कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा है. साथ ही विटामिन C की कोविड से रक्षा करने में भूमिका निभाने की बात भी साबित नहीं हुई है. हालांकि विटामिन C से कोई समस्या नहीं होती लेकिन कई समस्याओं से पीड़ित लोगों को डॉक्टर से परामर्श किए बिना कोई भी दवा नहीं लेनी चाहिए,"
इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए?
शरीर की इम्यूनिटी (रोग प्रतिरोधक क्षमता) को बढ़ाने का सबसे अच्छा तरीका है ताजे फल और सब्जियां खाना. डॉ सावला ने कहा, "हमारा खाना बहुत हेल्दी है. हमारे पास इतने रंगीन फल और सब्जियां हैं जो लोग खा सकते हैं. जब तक कि उन्हें डायबिटीज या दूसरी तरह की समस्याएं नहीं हो जिसकी वजह से उन्हें खास तरह की डाइट फॉलो करनी पड़ती हो. लोग बादाम और अखरोट खा सकते हैं जो जिंक का एक बढ़िया स्रोत हैं. ये हमारी नियमित डाइट का हिस्सा होना चाहिए."
गलत जानकारी जिसके कारण हुआ नुकसान
ऑनलाइन सर्वे में शामिल कुल 572 रेस्पोंडेंट में से अधिकांश ने बताया कि उन्होंने इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए कोविड-19 से जुड़े सुझाव हासिल करने के लिए सोशल मीडिया पर भरोसा किया. हालांकि सर्वे में पाया गया कि जिन्हें कोरोना हो चुका था उन लोगों ने जानकारी जुटाने के लिए डॉक्टरों और हेल्थ प्रोफेशनल पर ज्यादा भरोसा किया.
COVID-19 से संबंधित गलत सूचना, समाचार और इसके प्रचार के अनियंत्रित प्रसार ने लोगों को दहशत में डाला और उन्होंने अवैज्ञानिक प्रथाओं को अपनाया. वरिष्ठ वैज्ञानिक और स्टडी के लीड इन्वेस्टिगेटर डॉ सुब्बाराव एम गावरवरापु ने कहा, "दुनिया में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों की सबसे बड़ी संख्या भारत में है. भारत ने COVID-19 से संबंधित सोशल मीडिया पर जानकारी ढूंढने वाले लोगों की संख्या में भारी बढ़त देखी जो मार्च 2020 तक 22.3 मिलियन तक पहुंच गई."
अप्रैल-अगस्त 2020 में पहली लहर के दौरान इम्युनिटी बूस्टर, विटामिन सप्लीमेंट ब्रांड और आयुष काढ़ा (आयुर्वेदिक काढ़ा) के लिए पांच अलग-अलग श्रेणियों के तहत शोधकर्ताओं द्वारा वर्गीकृत 34 पॉपुलर कीवर्ड (keywords) को Google पर सर्च किया गया. जिनमें से इम्युनिटी, ईटिंग बिहेवियर, फूड सेफ्टी, फूड स्केयर्स एंड कंसर्न और कोविड स्केयर्स जैसे कीवर्ड्स को बहुत सर्च किया गया.
अदरक और लहसून का अधिक हुआ इस्तेमाल
ज्यादातर रेस्पोंडेंट (71.9 प्रतिशत) ने स्टडी के दौरान इम्युनिटी बूस्टर के रूप में विटामिन C युक्त खाद्य पदार्थों (खट्टे फल, अमरूद और आंवला) की खपत में वृद्धि की जानकारी दी. रेस्पोंडेंट के एक बड़े हिस्से ने इम्यूनिटी को बढ़ावा देने के लिए विटामिन C सप्लीमेंट (68.2 प्रतिशत), जिंक सप्लीमेंट (61.4 प्रतिशत) जैसे पोषक तत्वों की खुराक लेने की भी सूचना दी.
अदरक और लहसन जैसे मसालों का प्रयोग क्रमश: 62.9 प्रतिशत और 50.9 प्रतिशत रेस्पोंडेंट ने किया. हालांकि 'काढ़ा/कशायम' (औषधीय जड़ी-बूटियों का काढ़ा) और 'च्यवनप्राश' (विभिन्न जड़ी-बूटियों और मसालों से बना एक आयुर्वेदिक स्वास्थ्य मिश्रण) काफी चर्चित थे, लेकिन क्रमशः 28.8 फीसदी और 57.5 फीसदी प्रतिभागियों ने ही इनका सेवन करने की सूचना दी.
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