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- कांच में कांग्रेस का...
शिमला में प्रधानमंत्री मोदी की रैली ने भाजपा की उपचुनावों में मिली हार को कितना धो दिया या कांग्रेस को कितना निहत्था कर दिया, इसके कई पक्ष और विरोध हो सकते हैं, लेकिन देश के राजनीतिक घटनाक्रम में कांग्रेस का नैराश्य भाव न टूटा, तो समीकरणों के वर्तमान में बरकरार रहना मुश्किल होता जाएगा। हताशा व निराशा के बिंदुओं पर केवल संघर्ष ही कांग्रेस को मुकाबले में खड़ा रख सकता है, वरना राजनीति का वर्तमान दौर तो केवल मनोविज्ञान की भीषण परिस्थितियां पैदा कर रहा है। ऐसे में गुजरात और हिमाचल के चुनावों की राष्ट्रीय चर्चा में पार्टी को अपना घर और बाहर तो देखना है, साथ ही यह इंतजाम भी करना है कि चुनाव आने तक और ताले न टूटें। इस समय कांग्रेस भी मानती है कि उसके लिए हिमाचल एक बड़ी सियासी दरगाह हो सकता है, लेकिन राष्ट्रीय घटनाक्रम पार्टी की दिशा, दशा और उसके खिलाफ नुक्ताचीनी जोड़ती है।
सोर्स- divyahimachal