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भारत और आस्ट्रेलिया के बीच रक्षा और सामरिक संबंधों को और मजबूत बनाने का संकल्प दोनों मुल्कों की चिंताएं बताता है। इसलिए भविष्य में सामरिक रिश्तों को बढ़ाना दोनों ही देशों के हित में होगा। खास बात यह है कि दोनों देशों के बीच रक्षा और विदेश मंत्रियों के बीच एक साथ वार्ता यानी टू प्लस टू की बातचीत पहली बार हुई है। वैसे तो इस वार्ता के मुख्य बिंदु आतंकवाद और हिंद-प्रशांत क्षेत्र रहे, लेकिन अफगानिस्तान के मौजूदा हालात पर भी पर दोनों देशों ने अपनी चिंता जताई। ऐसा नहीं है कि ये मुद्दे सिर्फ इन दोनों देशों को ही प्रभावित कर रहे हैं, बल्कि इनका सरोकार दूसरे देशों से भी है। इसलिए दोहरे प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ताओं का महत्त्व कहीं ज्यादा बढ़ गया है। पिछले साल जब जून में भारत और आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों ने बात की थी तब ऐसी वार्ताओं के दौर शुरू करने पर सहमति बनी थी। यह टू प्लस टू वार्ता उसी कड़ी में है। इस बैठक की अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है कि भारत और आॅस्ट्रेलिया दोनों ही क्वाड समूह के सदस्य हैं। समूह के बाकी दो सदस्य अमेरिका और जापान हैं। इस महीने के अंत में अमेरिका में क्वाड समूह के नेताओं की बैठक भी होने वाली है।