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- परीक्षा में धांधली
Written by जनसत्ता: उत्तर प्रदेश शिक्षा बोर्ड की बारहवीं की परीक्षा में प्रश्न पत्र दो घंटे पहले ही कुछ लोगों के हाथ लग जाने की खबरें आना और उसके बाद चौबीस जिलों में परीक्षा रद्द करने की घोषणा, निस्संदेह चिंतनीय और गंभीर है। जिन विद्यार्थियों ने मेहनत से परीक्षा की तैयारी की और परीक्षा देने आए, ऐन वक्त पर परीक्षा रद्द हो जाना, उनके लिए एक मानसिक त्रासदी ही कही जा सकती है।
परीक्षाओं की पारदर्शिता खतरे में है। बात मात्र शिक्षा बोर्डों की परीक्षाओं में होने वाली धांधलियों तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षक पात्रता परीक्षा हो या फिर मेडिकल और इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा या फिर नौकरी के लिए आयोजित की जाने वाली प्रवेश परीक्षाएं हों, सभी की पारदर्शिता पर प्रश्न उठते रहे हैं। परीक्षा आयोजित करने वाला तंत्र और एजेंसी में सतर्कता का अभाव, अयोग्य कर्मचारियों को ऐसे संवेदनशील कार्यों की जिम्मेदारी देना, कर्मचारियों में ईमानदारी और निष्ठा की कमी होना, कर्मचारियों द्वारा परीक्षा को दैनिक कार्य का एक भाग समझना, कुछ ऐसे कारक हैं, जो परीक्षा की पारदर्शिता को खतरे में डालते हैं। सख्त दंड का प्रावधान न होने के कारण उनमें भय व्याप्त नहीं रहता कि अगर परीक्षा में कोई धांधली की गई तो उनको सख्त दंड मिल सकता है।
परीक्षाओं में होने वाली धांधलियों से सबसे ज्यादा वे प्रतिभागी प्रभावित होते हैं, जो मात्र अपनी मेहनत के बल पर परीक्षा में सफल होने का सपना संजोए बैठे होते हैं। जबकि दूसरी ओर अयोग्य प्रतिभागी पैसों के बल पर बिना मेहनत के परीक्षा में सफल होकर नौकरी या प्रवेश पा लेते हैं। चूंकि वे स्वयं गलत तरीके से परीक्षा पास करके नौकरी या मेडिकल और इंजीनियरिंग में प्रवेश पाया है तो उन्हें यह तरीका सही लगता है और आने वाली पीढ़ियों को भी ये लोग यही मार्ग दिखाते हैं। जो कर्मचारी परीक्षा संचालन में धांधली के जिम्मेदार पाए जाते हैं, उन्हें सख्त सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए।
कोरोना काल के पहले महंगाई बढ़ती शुरू हुई, जो अब भी जारी है। मध्यवर्ग और गरीब-गुरबा का दैनिक जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। चीजें पहले से डेढ़ गुनी महंगी हो चुकी हैं। ऐसे में बचत पर ब्याज दरों में कमी करके जनसाधारण की कमर तोड़ी जा रही है। वृद्ध और पेंशन भोगी भी कम पेंशन की वजह से आर्थिक और मानसिक रूप से परेशान हैं। सरकार को चाहिए कि ब्याज दर कम न करे। पुरानी दरों को ही जारी रखें।