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संपादकीय में ‘स्कूली छुट्टियों का सर्कस’ पढ़ा
By: divyahimachal
संपादकीय में 'स्कूली छुट्टियों का सर्कस' पढ़ा। हिमाचल में शिक्षा विभाग 'औरों को चानणी, खुद अंधेरे जाये' के कथानक को सत्य करता है। मेरे विचार से इसका मुख्य कारण निदेशक पद पर स्कूली शिक्षा से अनभिज्ञ व्यक्तियों की स्थापना है। मेरा सुझाव है कि समय का परिवर्तन और भौगोलिक स्थिति को देखते हुए स्कूली छुट्टियों में आमूलचूल परिवर्तन होना चाहिए। सारे हिमाचल में सत्र का आरंभ और समापन एक साथ होना चाहिए। सर्दावकाश और ग्रीष्मावकाश समाप्त कर, समानता लाई जानी चाहिए। सभी स्कूलों में जनवरी में एक मास का और अगस्त में एक मास का अवकाश होना चाहिए, क्योंकि मैदानों में पहाड़ों से अधिक ठंड होती है। जुलाई-अगस्त में बरसात के कारण अवकाश होना चाहिए। शिक्षा सत्र अप्रैल से आरंभ होकर मार्च में समाप्त होना चाहिए। -तुलसी राम गु्प्ता, राम चौक, करसोग
Rani Sahu
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