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केंद्र ने डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर बढ़ाया
बिच्छू राउंडअप
केंद्र सरकार ने डीजल पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ कर में वृद्धि की है। वहीं, विमान ईंधन को फिर से इसके दायरे में लाया गया है। वित्त मंत्रालय की ओर से जारी अधिसूचना के मुताबिक, डीजल के निर्यात पर अप्रत्याशित लाभ कर को पांच रुपये से बढ़ाकर सात रुपये प्रति लीटर किया गया है। विमान ईंधन पर फिर से दो रुपये प्रति लीटर का अप्रत्याशित लाभ कर लगाया गया है। इस महीने की शुरुआत में विमान ईंधन पर लगने वाले अप्रत्याशित कर को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया था। मंत्रालय के मुताबिक, घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित लाभ को घटाकर 13 हजार रुपये प्रति टन किया गया है। अभी तक इस पर 17,750 रुपये प्रति टन का कर लग रहा था। सरकार ने एक जुलाई को पहली बार पेट्रोल-डीजल, विमान ईंधन और घरेलू कच्चे तेल के निर्यात पर अप्रत्याशित कर लगाने की घोषणा की थी। इसके बाद दो बार अप्रत्याशित कर में बदलाव किया गया है।
मंकीपॉक्स: आईसीएमआर बिना लक्षणों वाले रोगियों की पहचान के लिए करेगा सर्वे
भारत में मंकीपॉक्स के बढ़ते खतरे के बीच इंडियन काउंसिल आॅफ मेडिकल रिसर्च ने एक बड़ी योजना बनाई है। सूत्रों के अनुसार कउटफ मंकीपॉक्स के रोगियों के साथ संपर्कों पर सीरोलॉजिकल (रक्त सीरम) सर्वे करने की योजना बना रहा है, ताकि मामलों की पहचान और आकलन किया जा सके। भारत में अब तक मंकीपॉक्स के 10 मामलों की पुष्टि हो चुकी है। एक रिपोर्ट के अनुसार ब्रिटिश मेडिकल जर्नल (बीएमजे) में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में मंकीपॉक्स के लक्षण अफ्रीकी क्षेत्रों में पिछले संक्रमित लोगों की तुलना में काफी अलग थे। पिछले कुछ महीनों में लंदन में संक्रमित होने वाले 197 पुरुषों में देखे गए लक्षणों के आधार पर किए गए अध्ययन में यह भी पाया गया कि उनमें से केवल एक चौथाई ने मंकीपॉक्स संक्रमण की पुष्टि वाले किसी व्यक्ति के साथ संपर्क किया था। अध्ययन में यह भी पाया गया कि ऐसे व्यक्तियों से ट्रांसमिशन की संभावना बढ़ गई है, जो बिना लक्षणों के थे या उनमें कुछ लक्षण थे। बीएमजे ने एक बयान में कहा कि इन निष्कर्षों को समझने के बाद कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग, सार्वजनिक स्वास्थ्य सलाह और संक्रमण नियंत्रण के साथ आइसोलेशन उपायों पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
13 राज्यों में पैदा हो सकता है बिजली संकट, कंपनियों का भारी-भरकम बकाया
भारी-भरकम बकाये का भुगतान नहीं करने की वजह से 13 राज्यों में बिजली संकट पैदा हो सकता है। सार्वजनिक क्षेत्र की पावर सिस्टम ऑपरेशन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (पोसोको) ने तीन बिजली बाजारों इंडियन एनर्जी एक्सचेंज, पावर एक्सचेंज आॅफ इंडिया और हिंदुस्तान पावर एक्सचेंज से 13 राज्यों की 27 विद्युत वितरण कंपनियों के बिजली कारोबार को प्रतिबंधित करने को कहा है। इन वितरण कंपनियों पर बिजली उत्पादक कंपनियों का भारी-भरकम बकाया है। इन राज्यों में महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, बिहार, छत्तीसगढ़ और झारखंड शामिल हैं। बिजली मंत्रालय के अंतर्गत आने वाला पोसोको देश में बिजली व्यवस्था के एकीकृत परिचालन का प्रबंधन करता है। उसने तीनों बिजली बाजारों को लिखे पत्र में कहा, 13 राज्यों में 27 वितरण कंपनियों के लिए बिजली बाजार के सभी उत्पादों की खरीद-बिक्री डिलीवरी 19 अगस्त, 2022 से अगली सूचना तक पूरी तरह से प्रतिबंधित होगी।
यूपीआई से पैसे ट्रांसफर करना हो सकता है महंगा, डेबिट कार्ड ट्रांजेक्शन भी नहीं रहेगा फ्री
भारत का अपना डिजिटल पेमेंट सिस्टम यूपीआई लॉन्च होने के बाद से ही बड़ा हिट साबित हुआ है। इसकी एक बड़ी वजह चुटकियों में पेमेंट सेटल हो जाना और इसके लिए कोई चार्ज नहीं लगना है। हालांकि आने वाले समय में स्थितियों में बदलाव देखने का मिल सकता है और लोगों को यूपीआई से पेमेंट करने के बदले चार्ज देना पड़ सकता है। रिजर्व बैंक ने इसे लेकर 'डिस्कशन पेपर आॅन चार्जेज इन पेमेंट सिस्टम जारी किया है और इसपर लोगों से टिप्पणियां मंगाई है। दरअसल रिजर्व बैंक पेमेंट सिस्टम्स के डेवलपमेंट और पेमेंट के सेटलमेंट के लिए तैयार की गई बुनियादी संरचना की लागत को वसूल करने के विकल्प तलाश रहा है। पेपर में कहा गया है कि यूपीआई भी आईएमपीएस की तरह एक फंड ट्रांसफर सिस्टम है। इस कारण यह तर्क दिया जा सकता है कि यूपीआई के लिए भी आईएमपीएस की तरह फंड ट्रांसफर ट्रांजेक्शन पर चार्जेज लगने चाहिए। रिजर्व बैंक ने कहा है कि अलग-अलग अमाउंट के हिसाब से अलग-अलग चार्जेज निर्धारित किए जा सकते हैं।
Rani Sahu
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