सम्पादकीय

बुलडोजर पर बोरिस की सवारी : यह क्रिकेट नहीं है प्रधानमंत्री जी, आपको चोट पहुंच सकती है

Rani Sahu
23 April 2022 10:55 AM GMT
बुलडोजर पर बोरिस की सवारी : यह क्रिकेट नहीं है प्रधानमंत्री जी, आपको चोट पहुंच सकती है
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बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) मारग्रेट थैचर (Margaret Thatcher) की तरह मजबूत और ढृढ़ नहीं हैं

बिक्रम वोहरा

बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) मारग्रेट थैचर (Margaret Thatcher) की तरह मजबूत और ढृढ़ नहीं हैं. उनका व्यक्तित्व एक पुराने दोस्त की तरह है जो अचानक आकर पीठ पर जोर से थपकी लगा देता है. वो अच्छे अनुपात में रोहन एटकिंसन के साथ बर्टी वूस्टर और नॉर्मन विजडम के मिश्रण हैं. उनका मकसद साफ है मगर हरकतें थोड़ी अनाड़ी जैसी हैं. उनका व्यवहार प्यारा तो है मगर परेशान करने वाला भी है, क्योंकि वे लोगों के बीच में कुछ भी उलटा-पुलटा बक देते हैं जैसा कि ड्यूक ऑफ एडिनबर्ग (Duke of Edinburgh) ने संक्षिप्त रूप से बोरिस जॉनसन के बारे में कहा था.
एक ऐसी दुनिया में जहां हर इंसान के पास कैमरा है और वो उसका इस्तेमाल भी करता है, हम अपनी कौन सी छवि कैमरे में कैद करवाने जा रहे हैं, यह महत्वपूर्ण बात होती है. गलत वक्त पर यह भद्दी रुचि वाला और असंवेदनशीलता का विचित्र संयोग बना देता है. बोरिस ने गुजरात में जेसीबी फैक्ट्री का दौरा किया जहां पर बुलडोजर का निर्माण किया जाता है. ये दौरा लोकतंत्र में सभी कानूनी प्रावधानों के खिलाफ क्रूर राजनीतिक शक्ति को दर्शाने के लिए दिल्ली के जहांगीरपुरी में इन मशीनों के इस्तेमाल के ठीक चार दिन बाद हुआ. अगर इसका कुछ मतलब निकलता है तो शुद्ध रूप से यह कि बोरिस का व्यवहार सही नहीं रहा है.
हम अकेले बोरिस को दोष नहीं दे सकते
ब्रिटिश पीएम को एक बुलडोजर मशीन पर करीब-करीब कूदते हुए चढ़ते और उतरते देख ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे वो जहांगीरपुरी में इसकी सवारी कर रहे हों जहां पर सांप्रदायिक दंगे और बुलडोजर से विध्वंस की कार्रवाई हुई है. यह क्रूर हास्यजनक अनुकरण कमेंटेटरों और सोशल मीडिया पर मजाक वाले मीम बनाने वालों के लिए एक तरह से रिबन में बंधे हुए गिफ्ट की तरह आया. बोरिस जॉनसन कहीं और भी दौरे पर जा सकते थे. अगर बोरिस जॉनसन सड़क किनारे चमत्कारी सांप का तेल बेचने वाले के पास भी चले गए होते तो बुलडोजर फैक्ट्री के दौरे से वो बेहतर होता.
मगर इस अशिष्टता वाले दृष्य के लिए अकेले बोरिस को दोष नहीं दें. स्पष्ट रूप से, उन्हें सही ब्रीफिंग नहीं दी गई होगी. जब वे 2012 में लंदन के मेयर के रूप में भारत आए थे तो उन्होंने इंडिया गेट पर साइकिल चलाई थी. शायद उनका मत था की इस तरह से वह आम लोगों के करीब दिखेंगे. ऐसा भी हो सकता है जैसे बोरिस को लग रहा हो कि देखो मैं पीएम हो सकता हूं मगर मेरे पैर जमीन पर टिके हुए हैं. मैं आम आदमी की तरह सड़क पर काम कर रहा हूं.
मेरी शिकायत उस सरकार से है जो दंगे के चार दिन बाद ब्रिटिश पीएम को वडोदरा में एक बुलडोजर फैक्ट्री में ले गई. वह भी तब जब लोगों पर बुलडोजर चला कर ज्यादती की गई जिससे पूरे देश में कानूनी उथल-पुथल मच गई. अब सवाल यह पूछा जा रहा है कि उचित कानूनी प्रक्रिया से दोषी पाए जाने से पहले आप किसी व्यक्ति के घर को कैसे गिरा सकते हैं.
बोरिस एक अहंकारी काम का समर्थन करते हुए नजर आए
ऐसे दौरे एक झटके में निर्णय लेकर नहीं तैयार किए जाते वह भी उस देश में जहां पर एक ब्यूटी कॉन्टेस्ट देखने जाने वाले लेफ्टिनेंट गवर्नर के लिए पूरे घंटे के लिए ट्रैफिक रोक दी जाती हो. पूरी योजना काफी पहले से बन जाती है और ऐसा सोचना अकल्पनीय है कि किसी ने यह कहने की हिम्मत नहीं जुटाई कि प्रधानमंत्री जी अभी जो माहौल है उसमें आप बुलडोजर वाले कार्यक्रम को रद्द कर देते तो बेहतर होता क्योंकि इससे लोगों के बीच अच्छा संदेश नहीं जाएगा.
पूरे कार्यक्रम से ऐसी छवि बनी जैसे बोरिस एक अहंकारी काम का समर्थन करते हुए नजर आए. यह लगभग वैसा ही था जैसे बोरिस कह रहे हों कि अगर आपके पास बुलडोजरों की कमी है तो हम आपको डोवर ले चलते हैं और केंट में 24 बुलडोजर और उत्खनन निर्माताओं में से एक के साथ आप सौदा तय कर सकते हैं. हॉकर हेरियर विमान या बुलडोजर की सवारी, कोई खास फर्क नहीं पड़ता.
यह फोटो सेशन प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में हुआ जिससे यह संदेह पैदा होता है कि किसी में भी इस तरह की हिम्मत नहीं हुई होगी कि वह कह सके कि अभी ऐसा कार्यक्रम नहीं करते हैं क्योंकि इस वक्त बुलडोजर नकारात्मकता का प्रतीक बन गया है. ब्रिटिश मीडिया तो इस गलती पर पागल जैसा हो जाएगा और बेचारे बोरिस जॉनसन को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी. अपने गुलाबी जिन और टॉनिक में एक ओलिव डाल कर बोरिस जॉनसन पी लें क्योंकि यह आपको बहुत ही चोट पहुंचाने वाला है. क्या हम इस पर कुछ कर सकते हैं? जैसे बुलडोजर की सवारी की जगह बोरिस थ्रीव्हीलर या घोड़े की बग्घी की सवारी करते नहीं तो क्रिकेट मैच ही देख लेते. नहीं, प्रधानमंत्री जी.
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