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भारत में कोरोना वायरस के नए स्वरूप 'ओमिक्रॉन' का प्रभाव दिसंबर अंत तक सामने आ सकता है। यह प्रभाव तीसरी लहर में भी बदल सकता है। जनवरी, 2022 के आखिर या फरवरी की शुरुआत में तीसरी लहर को महसूस किया जा सकता है। अलबत्ता इसके दूसरी लहर की तरह घातक और जानलेवा होने के आसार नहीं हैं। संक्रमण जरूर फैल सकता है और संभावित तीसरी लहर के 'पीक' के दौरान एक-डेढ़ लाख मामले भी हररोज़ सामने आ सकते हैं, लेकिन मृत्यु-दर सामान्य ही रहेगी। यह आकलन कानपुर आईआईटी के वरिष्ठ वैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल का है। उन्होंने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर यह आकलन किया है। दूसरी लहर में भी प्रोफेसर अग्रवाल के आकलन एक हद तक सटीक साबित हुए थे। हालांकि भारत में नए वेरिएंट 'ओमिक्रॉन' का असर बेहद सीमित है। विदेशों से आने वाले यात्रियों के जरिए ही इसके कुछ केस भारत में देखे गए हैं। कर्नाटक में जो 46 वर्षीय स्वास्थ्यकर्मी संक्रमित पाया गया था, वह अब पूरी तरह स्वस्थ है। उन्हें सांस लेने में कोई कठिनाई या अन्य खतरनाक लक्षण आए ही नहीं। वह आज बैडमिंटन खेल रहे हैं।