सम्पादकीय

ब्लॉगः राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अंतर्विरोध से जूझ रहा विपक्ष, दुविधा में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन

Rani Sahu
24 Jun 2022 5:56 PM GMT
ब्लॉगः राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अंतर्विरोध से जूझ रहा विपक्ष, दुविधा में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन
x
राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों की घोषणा होने के बाद चुनाव लगभग बेमानी हो गया है

By लोकमत समाचार सम्पादकीय |

राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारों की घोषणा होने के बाद चुनाव लगभग बेमानी हो गया है। विपक्ष के पास संख्या बल कभी भी नहीं था। यही वजह थी कि शरद पवार से लेकर फारूक अब्दुल्ला और महात्मा गांधी के पौत्र गोपालकृष्ण गांधी तक सभी ने विपक्ष का साझा उम्मीदवार बनने से इंकार कर दिया। कोई भी व्यक्ति सिर्फ हारने के लिए नहीं लड़ता।
लेकिन यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी ने सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों के लिए अलग ही स्थिति पैदा कर दी। कांग्रेस को जहां जीवन भर कांग्रेस के विरोध में रहे व्यक्ति का समर्थन करना पड़ रहा है, वहीं भाजपा को कभी अटल बिहारी वाजपेयी के सबसे करीबी लोगों में शुमार किए जाने वाले सिन्हा के खिलाफ चुनाव लड़ना पड़ेगा।
कुछ इसी तरह की मुश्किल वामपंथी पार्टियों के सामने भी होगी। आखिर उन्हें उस पूर्व भाजपाई के पक्ष में वोट करना होगा जिसके खिलाफ वह जिंदगी भर संघर्ष करते रहे। भाजपा के सोशल मीडिया सैनिक संभवत: यशवंत सिन्हा और वामपंथी नेताओं के परस्पर 'सौहार्द्रपूर्ण' संवादों की कतरनें पहले ही ढूंढ़ चुके होंगे।
वहीं दूसरी ओर ओडिशा की मूल निवासी द्रौपदी मुर्मू के भाजपा उम्मीदवार बनने की घोषणा का ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक द्वारा स्वागत किए जाने से स्पष्ट हो गया कि बीजू जनता दल के सांसद और विधायक किसके पक्ष में मतदान करेंगे। यही नहीं, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी के बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने काफी पहले ही उनसे चर्चा की थी और उन्होंने इस पर अपनी सहमति दे दी थी।
लेकिन असली दुविधा तो झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सामने है। कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रहे हेमंत क्या भाजपा की उम्मीदवार मुर्मू को देश की पहली महिला आदिवासी राष्ट्रपति बनने से रोकने के लिए वोट देंगे? आखिर झारखंड मुक्ति मोर्चा की राजनीति की धुरी ही आदिवासी हैं। यदि वे मुर्मू का साथ देते हैं तो झारखंड में ही हजारीबाग के मूल निवासी यशवंत सिन्हा ही नहीं बल्कि संयुक्त विपक्ष के खिलाफ जाएंगे।
यह भी देखना दिलचस्प होगा कि इन चुनावों का बिहार और झारखंड की गठबंधन सरकारों पर क्या पड़ेगा? वैसे भी महाराष्ट्र की सरकार आईसीयू में है और बिहार और झारखंड की सरकारें बड़ी सर्जरी के लिए ऑपरेशन थिएटर में ले जाए जाने की तैयारी में हैं।


Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story