सम्पादकीय

बड़ी समस्या

Rani Sahu
14 Sep 2022 5:48 PM GMT
बड़ी समस्या
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सोर्स- अमृत विचार
भारत दुनिया की महाशक्तियों में से एक बनने की दिशा में बढ़ रहा है लेकिन कुछ सीमाएं हमें अपनी वास्तविक क्षमता को प्राप्त करने से रोक रही हैं। तमाम खूबियों के बावजूद हमारा देश अभी तक विकसित देशों की कतार में खड़ा नहीं हो पाया है। नशीली दवाओं की लत एक ऐसी ही समस्या है।
देश में नशाखोरी में युवावर्ग सर्वाधिक शामिल है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि युवाओं में नशे के बढ़ते चलन के पीछे बदलती जीवन शैली, एकाकी जीवन, बेरोजगारी और आपसी कलह जैसे कारण हो सकते हैं। सोमवार को एनसीसी कैडेटों के साथ बातचीत कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्र, विशेष रूप से युवाओं से मादक पदार्थों की लत के खिलाफ एकजुट होने और लड़ने की अपील की।
उन्होंने इस खतरे को भारत के रास्ते में अपनी पूरी क्षमता हासिल करने के लिए एक बड़ी बाधा बताया। युवा वर्ग में नशे की बढ़ती प्रवृत्ति वास्तव में चिंताजनक है। युवा उचित मार्गदर्शन के अभाव में नशा करते हैं। नशा न केवल समाज में कानून और व्यवस्था के रखरखाव पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी गतिविधियों को भी जन्म देता है।
कई अंतर्राष्ट्रीय संगठन स्वीकार करते हैं कि अवैध ड्रग व्यापार से अर्जित धन का उपयोग आतंकवादी संगठनों की सहायता के लिए किया जाता है, जिससे कई देशों की रक्षा और सुरक्षा को खतरा पैदा होता है। युवा देश का भविष्य हैं। वे राष्ट्र की आधारशिला हैं अगर उनका वर्तमान नशे में है तो भविष्य का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
गौरतलब है सरकार ने युवाओं, बच्चों और समुदाय के बीच जागरुकता पैदा करने के लिए 15 अगस्त 2020 को 272 चिन्हित जिलों में नशा मुक्त भारत अभियान शुरू किया था। अब तक तीन करोड़ युवाओं, दो करोड़ महिलाओं और 1.59 लाख शिक्षण संस्थानों सहित आठ करोड़ से अधिक लोग इस अभियान का हिस्सा बन चुके हैं। समाज के सभी वर्गों के सम्मिलित प्रयासों से ही देश इस 'अमृत काल' में मादक द्रव्यों की विभीषिका से मुक्त हो सकता है। इसके लिए ड्रग्स के चंगुल में फंसे लोगों को आगे की राह दिखाने की जरूरत है।
वर्तमान में बढ़ती बेरोजगारी में मानसिक अवसाद दूर करने के लिए भी युवा नशे का सहारा लेते हैं। अत: इन सब पर ध्यान देकर हमें समस्या का निराकरण करना होगा। बढ़ती महत्त्वाकांक्षा, आपसी सहयोग की कमी, अपनों से बड़ों से दूरी समस्या की जड़ है। युवाओं को समय-समय पर परामर्श देकर उनको सही राह पर लाया जा सकता है।
Rani Sahu

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