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- कहीं भी रहो, योग करो,...
भारत की जीवन शैली जैसे जैसे ग्रामीण से शहरी परिवेश में तब्दील हो रही है, वैसे वैसे मानव के स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की जा रही है। शारीरिक क्रियाओं के अभाव में मानव का स्वास्थ्य दिन प्रति दिन गिर रहा है। ऐसे में घर में रह कर शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ रहने के लिए योग का ही एक मात्र सहारा है जिससे लोग तनाव रहित व शारीरिक रूप से स्वस्थ रह सकेंगे। आज मानव ने विज्ञान में नए-नए शोध कर प्रौद्योगिकी व चिकित्सा क्षेत्र में इतनी प्रगति कर ली है कि इसके कारण जीवन काफी आसान तो हो गया है, मगर शारीरिक श्रम जो पहले यूं ही दिनचर्चा में आसानी से हो जाता था, अब उसके लिए आज अलग से फिटनेस कार्यक्रम चाहिए होता है। समय बचाती दुनिया के लिए योग मुख्य विकल्प है जो कम श्रम कर अधिक फिटनेस दे सकता है। अब आम जनमानस के लिए योग के बारे में जानना जरूरी हो जाता है। पहले भी इस कॉलम के माध्यम से बार-बार योग के बारे में लिखा जा रहा है। अढ़ाई हजार वर्ष पूर्व महर्षि पतंजलि ने योग को लिखित रूप में संग्रहित किया और योग सूत्र की रचना की। योग सूत्र की रचना के कारण पतंजलि को योग का जनक कहा जाता है।