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- ट्विटर की बेजा हरकतें
आदित्य चोपड़ा| ट्विटर भारत में जिस राह पर चल रहा है उसका एक ही अर्थ निकलता है कि वह इस देश की अन्दरूनी राजनीति में ऐसा खिलाड़ी बनना चाहता है जिसके हाथ में हर राजनीतिक दल की नस दबी रहे। मगर माफ कीजिये इस देश में यह कभी नहीं हो सकता कि कोई विदेशी या बहुराष्ट्रीय कम्पनी अपने कारोबार के नाम पर मुल्क की सियासत में भी दखल देने लगे। बेशक भारत की अर्थव्यवस्था अब पूंजी मूलक व बाजार मूलक हो चुकी है और विदेशी कम्पनियों को इसमें कारोबार करने की छूट है मगर भारत की संवैधानिक व्यवस्था किसी भी गैर मुल्की को इसके अन्दरूनी मामले में दखल देने की इजाजत नहीं देती है। (हालांकि यह भी तथ्य है कि भारत में विदेशी कम्पनी की परिभाषा में एेसा परिवर्तन 2016 के बजट में किया गया जिससे परोक्ष रूप से विदेशी कम्पनियां सियासत को प्रभावित कर सकती हैं परन्तु यह मामला सर्वोच्च न्यायालय के विचाराधीन है)।