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- आर्मी कमांडर...
पिछले कुछ दिनों जब से पांच राज्यों के चुनावों के परिणाम आए हैं, हमारे गृह क्षेत्र हिमाचल में राजनीतिक सरगर्मियां इतनी बढ़ गई हैं कि आने वाले कुछ दिनों में बड़े उलटफेर और उथल-पुथल होने की संभावनाएं दिख रही हैं। कांग्रेस की हार व बीजेपी की जीत के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की पंजाब में अप्रत्याशित जीत से हिमाचल में भी तीसरे मोर्चे की चर्चा तेज हो गई है। मंडी में हुए दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के रोड शो में अनुमान से ज्यादा भीड़ का इकट्ठा होना तथा उसी दिन भाजपा के स्थापना दिवस आयोजन से लोगों को अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र तक सीमित रखना और उसके बाद लगातार भाजपा और आम आदमी पार्टी में एक-दूसरे के नेताओं की अदला-बदली तथा बयानबाजी, इससे यह तो जाहिर है कि जाने-अनजाने में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं ने आम आदमी पार्टी पर लगातार बयान देकर आप को तीसरे प्रतियोगी के रूप में मैदान में खड़ा कर दिया है। 23 अप्रैल को कांगड़ा में होने वाली आप की रैली के समकक्ष 22 अप्रैल को भाजपा का कांगड़ा में सम्मेलन शायद संदेश भेज रहा है कि कही मोदी जी के कांग्रेस मुक्त भारत के शुरुआती बयानों को सच होने की शुरुआती रुझान तो नही, क्योंकि अगर पिछले एक महीने का आकलन करें तो कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व का चुनाव सितंबर तक होना है और हिमाचल के नेतृत्व के लिए लगभग हर नेता केंद्र पर दबाव बना रहा है।