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जनसंख्या विज्ञान के मुताबिक तो यह साफ है कि भारत में जन संख्या नियंत्रण के लिए फिलहाल ऐसे किसी कानून की जरूरत नहीं है,
जनसंख्या विज्ञान के मुताबिक तो यह साफ है कि भारत में जन संख्या नियंत्रण के लिए फिलहाल ऐसे किसी कानून की जरूरत नहीं है, जिसमें आबादी बढ़ोतरी रोकने के लिए जोर-जबरदस्ती का सहारा लिया जाए। आखिर किसी परिवार को सरकारी कल्याण योजनाओं से वंचित करना भी एक प्रकार की जोर-जबरदस्ती ही है। ये जरूरत इसलिए नहीं है कि भारत में आबादी नियंत्रण की प्रक्रिया पटरी पर है। लगभग हर राज्य में रिप्लेसमेंट रेट (वह जन्म दर जिसके हासिल होने के बाद आबादी नहीं बढ़ती) हासिल करने की दिशा में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। कुछ राज्य तो इस लक्ष्य से भी आगे बढ़ गए हैँ। बहरहाल, ऐसा करना तजुर्बे के खिलाफ है। यह आम राय है कि भारत में जनसंख्या नियंत्रण कार्यक्रम को जितना नुकसान इमरजेंसी में हुई जोर-जबरदस्ती से पहुंचा, उतना किसी और चीज से नहीं।
बहरहाल, अगर हम अपने बगल में चीन की तरफ झांकें तो वहां का भी अनुभव यही है कि जबरदस्ती के परिणाम उलटे होते हैं। आखिरकार चीन को न सिर्फ अपनी वन चाइल्ड पॉलिसी बदलनी पड़ी है, बल्कि अब उसे लोगों को अधिक बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करना पड़ रहा है। लेकिन भारत में घड़ी उलटी दिशा में चल रही है। तो राज्यों में ऐसा कानून बनाने की होड़ लगी हुई है। फिलहाल सबसे ज्यादा चर्चित मामला उत्तर प्रदेश का है। जबकि विशेषज्ञों में आम राय है कि परिवार नियोजन को जब भी बलपूर्वक लागू कराने की कोशिश की जाएगी, तो यह लिंग की पहचान कर गर्भपात कराने में भी बढ़ोतरी करेगा। यह भारत के महिला-पुरुष अनुपात को भी बिगाड़ने का काम करेगा। जनसंख्या को तेजी से बूढ़ा बना देने में भी इसकी भूमिका होगी। यह भी हो सकता है कि महिलाएं गर्भपात के लिए गैरकानूनी दवाओं का इस्तेमाल करें, जिनके बुरे प्रभाव उन्हें जीवन भर झेलने पड़ें। ये बातें, सार्वजनिक चर्चाओं में दोहराई जा रही हैं। लेकिन वर्तमान भाजपा सरकारें इसी बात को अपनी खूबी मानती हैं कि वे एक्सपर्ट की बातें नहीं सुनतीं। बल्कि उनके नेता अपने रॉ विज्डम यानी कच्ची बुद्धि से चलना पसंद करते हैँ। जबकि भी प्रस्तावित कानून का असर यह होगा कि समाज में हाशिए पर मौजूद लोगों को भारी नुकसान होगा। और ये बात ध्यान में रखने की है कि उनमें ज्यादातर हिंदू ही होंगे, भले परोक्ष संदेश यह दिया जा रहा है कि ये कदम मुसलमानों को सबक सिखाने के लिए उठाया जा रहा है।
Triveni
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