सम्पादकीय

5जी से बदलेगी जिंदगी

Subhi
3 Oct 2022 2:10 AM GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान देश के चुनिंदा शहरों में 5जी लॉन्च करने की आधिकारिक घोषणा कर दी। हालांकि यह घोषणा महज औपचारिकता नहीं है

नवभारत टाइम्स; प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को दिल्ली में इंडिया मोबाइल कांग्रेस के दौरान देश के चुनिंदा शहरों में 5जी लॉन्च करने की आधिकारिक घोषणा कर दी। हालांकि यह घोषणा महज औपचारिकता नहीं है, देश के आठ शहरों में सीमित अर्थों में ही सही, 5जी सेवाओं की शुरुआत हो गई है। मगर फिर भी यह अभी सांकेतिक ही है। देश भर में 5जी की सीमलेस सर्विस मिलने में करीब दो साल और लग सकते हैं। बहरहाल, यह तो कहा ही जा सकता है कि देश 5जी के दौर में प्रवेश कर चुका है। मोबाइल फोन और खासकर इंटरनेट ने हमारी जिंदगी और इकॉनमी को पिछले कुछ वर्षों में जितने महत्वपूर्ण ढंग से प्रभावित किया है, उसे देखते हुए अब यह कल्पना करना मुश्किल नहीं है कि 5जी के आने से हमारे जीवन की गुणवत्ता कितनी बढ़ जाएगी। अगर सस्ते मोबाइल डेटा ने व्यापक आबादी के हाथ में इंटरनेट नहीं पहुंचाया होता तो कोरोना महामारी से उपजी चुनौतियों से निपटना कितना मुश्किल होता, इसका अंदाजा हम सहज ही लगा सकते हैं।

चाहे घर बैठे जरूरत के सामान ऑर्डर करने की बात हो या उस ऑर्डर को फॉलो करते हुए घर की दहलीज तक उन सामानों को पहुंचा जाने की, और घर के ही एक कमरे को ऑफिस और दूसरे कमरे को बच्चों का क्लासरूम बनाने की बात हो या विडियो कॉल के जरिए पेशंट को देख, उसकी परेशानी समझ कर दवाएं देने की- उस दौरान पूरी जिंदगी मानो इंटरनेट के ही सहारे संचालित हो रही थी। मगर 4जी के जरिए उपलब्ध हो रही सेवाओं में बाधाएं भी कम नहीं थीं। कहीं नेटवर्क मौजूद नहीं रहता था तो कहीं कमजोर नेटवर्क के चलते काम होते होते रह जाता था।

अब 5जी के तहत हमें इंटरनेट की तेज स्पीड तो मिलेगी ही, इन सेवाओं के कई नए आयाम भी हमारे सामने खुलेंगे। ऐसे कुछ संभावित बदलावों का शनिवार को ही प्रदर्शन भी हो गया। 5जी कैसे दूरी और समय के कॉन्सेप्ट को बदल देने की क्षमता रखता है इसका उदाहरण यह देखकर मिला कि प्रधानमंत्री ने दिल्ली में बैठे-बैठे उस कार को ड्राइव किया, जो स्वीडन में थी।

हालांकि इन सुविधाओं को जनसामान्य के स्तर तक पहुंचने में थोड़ा वक्त लगेगा, लेकिन जिस तेजी से देश में इंटरनेट का विस्तार हुआ है- 2014 में 25 करोड़ इंटरनेट यूजर वाले इस देश में आज 85 करोड़ यूजर हैं- उसे ध्यान में रखें तो आने वाले समय में काम धंधों के स्वरूप और उसे लोगों तक पहुंचाने के ढंग में ही नहीं, उसके जरिए हमारे रोजाना के कामकाज निपटाने के तरीके में भी आमूल बदलाव होने वाले हैं। लेकिन इसके साथ इस बात का भी खयाल रखना होगा कि यह सेवा सस्ती हो ताकि देश की अधिक से अधिक आबादी इसका फायदा उठा सके।

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