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- अंतरिक्ष में बढ़ता
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पिछले करीब पचास वर्षों के दौरान अंतरिक्ष में भेजे गए संचार उपग्रहों, प्रयोगशालाओं, मानवरहित यानों, मालवाहक यानों और मानव-मिशनों के कारण पृथ्वी से बाहर एक विशाल कबाड़ घर बन गया है। इसके अलावा प्रकृति ने भी अंतरिक्ष में हमारी पृथ्वी के नजदीक ऐसे हजारों छोटे-बड़े पिंड तैनात कर रखे हैं, जो किसी भी वक्त पृथ्वी के वायुमंडल में घुस कर मानव सभ्यता के संपूर्ण विनाश का खतरा उत्पन्न कर सकते हैं।अंतरिक्ष में बढ़ता कचरा धरती के लिए गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह कचरा मानव निर्मित तो है ही, उससे भी ज्यादा ब्रह्मांडीय पिंडों का है। असंख्य छोटे-बड़े उल्का पिंड लगातार बनने-टूटने की स्थिति में रहते हैं। सृष्टि का यह चक्र कभी थमने वाला नहीं है। पर मानवनिर्मित अंतरिक्ष कचरे से धरतीवासियों के लिए खतरा बढ़ता जा रहा है। अमेरिकी अंतरिक्ष एजंसी- नासा भी इससे चिंतित है।