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- ब्रिक्स के भीतरी...
जनता से रिश्ता : ब्रिक्स के गठन की नींव बीस साल पहले पड़ी थी। तब इसके पीछे मकसद अमेरिकी आर्थिक ढांचे से हट कर एक वैकल्पिक आर्थिक व्यवस्था का निर्माण करना था। यह विचार अच्छा था, पर इस पर ढंग से काम नहीं हो पाया। इसलिए 2009 के बाद से ब्रिक्स के औचित्य पर ही सवाल खड़े किए जाने लगे।हाल में ब्रिक्स देशों की चौदहवीं शिखर बैठक में सदस्य देशों ने अलग-अलग बातें कहीं। रूस के राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन ने अमेरिका और पश्चिमी देशों पर निशाना साधा और रूस पर आर्थिक प्रतिबंध थोपने की निंदा की। साथ उन्होंने मौजूदा वैश्विक आर्थिक संकट के लिए इन देशों को दोषी ठहराया। दूसरी तरफ सकारात्मक पहलू को रेखांकित करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व आर्थिक व्यवस्था को बेहतर और लोकतांत्रिक बनाने पर जोर दिया और महामारी से निपटने के लिए बेहतर स्वास्थय व्यवस्था को भी अपने भाषण का हिस्सा बनाया। जबकि चीन ने दुनिया को शीत युद्ध से बचने की नसीहत दी। दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील ने भी महामारी और उससे निपटने में ब्रिक्स के योगदान का जिक्र किया। इससे यह साफ हो गया कि ब्रिक्स के सदस्य देशों की प्राथमिकताएं क्या हैं।