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- मादक पदार्थों की...
जनता से रिश्ता : नशा समाज के लिए ऐसा दीमक है जो समय से पहले ही जीवन को समाप्त कर रहा है। नशीले पदार्थों के सेवन से व्यक्ति न केवल अपनी शारीरिक हानि करता है बल्कि अपने परिवार के साथ-साथ सामाजिक वातावरण को भी दूषित करता है। नशे के प्रभाव से बच्चे, बुजुर्ग और युवा कोई भी अछूता नहीं है। मादक पदार्थों के सेवन के दुष्प्रभाव से सिर्फ भारत ही नहीं पूरा विश्व जूझ रहा है। युवा पीढ़ी इसका शिकार होकर अपने भविष्य को नष्ट कर रही है, स्त्रियां इसके कारण उत्पीड़न का शिकार हो रही हैं।नशा व्यक्ति, परिवार की खुशियां लील जाता है। नशीली दवाओं के दुरुपयोग के साथ-साथ मादक पदार्थों के अवैध व्यापार के खिलाफ लड़ाई के लिए जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 7 दिसंबर 1987 को प्रतिवर्ष 26 जून को नशीली दवाओं के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने का फैसला लिया। 2022 का थीम "स्वास्थ्य और मानवीय संकटों में नशीली दवाओं की चुनौतियों का समाधान' है।
सोर्स-amarujala