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- स्कूलों में सेहत का भी...
शिक्षा का अर्थ मानव के मानसिक व शारीरिक यानी सर्वांगीण विकास से जुड़ता है। मतलब स्वास्थ्य के बगैर शिक्षा अधूरी है। इसलिए विद्यालय स्तर पर पढ़ाई के साथ-साथ फिटनेस के टैस्ट व उनका मूल्यांकन भी जरूरी हो जाता है। विद्यालय में पढ़ाई के रिपोर्ट कार्ड की तरह फिटनेस का भी रिपोर्ट कार्ड अनिवार्य होना चाहिए। कोरोना महामारी के परिणामों को देखते हुए अब हर नागरिक की फिटनेस का आधार विद्यार्थी जीवन से ही मजबूत बनाना जरूरी हो गया है। हवा में जब अधिक धूल-धुआं हो गया है और पृथ्वी पर जैसे जैसे जीवन जीने की आवश्यक चीजें घटती जा रही हैं, वैसे वैसे मानव को स्वास्थ्य के प्रति सजग होना पडे़गा। पूरे विश्व की शिक्षा पद्धति में अच्छे स्वास्थ्य की नींव बचपन से लेकर विद्यार्थी जीवन तक पक्की की जाती है। हिमाचल प्रदेश के अधिकांश विद्यालयों में प्रत्येक विद्यार्थी की स्वास्थ्य के लिए न तो सुविधा है और न ही पर्याप्त शिक्षक हैं। विद्यार्थी कितना फिट है उसके लिए विद्यालय में कोई परीक्षा ही नहीं है।