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जनता से रिश्ता। आपने किस्से कहानियों में जरूर सुना होगा कि किसी समय में हमारी पृथ्वी पर बड़े-बड़े इंसान पाए जाते थे। इनका आकार लगभग 15 से 20 फीट तक होता था। आज के समय में यह यकीन कर पाना थोड़ा मुश्किल है। दुनिया के अनसुलझे रहस्य में येती का वजूद सबसे खतरनाक है।
लेकिन यह आज भी दुनिया में पाये जाते हैं, इनकी आकृति कुछ-कुछ वानर जैसी होती है। जो देखने में बहुत ही डरावना होते हैं। सर्वप्रथम इसे भारत के उतरी क्षेत्र हिमालय में देखा गया। 1832 में सर्वप्रथम बी.एच. हॉजसन (एक पर्वतारोही) ने इसे देखने का दावा किया था।
उन्होने कहा कि जब वो उत्तरी नेपाल में काम कर रहे थे, तब उन्हें एक लंबा, दो पैर वाला जीव दिखाई दिया। जो पूरा का पूरा बालों से ढका हुआ था। जिसे देखने पर ऐसा प्रतीत हो रहा था, जैसे वो कोई वनमानुष हो।
लेकिन हाल ही में भारतीय सेना ने भी येती के बारे में अपने दावे पेश किए हैं। भारतीय सेना के अनुसार उनके एक दल ने 9 अप्रैल, 2019 को 32X15 इंच के बड़े-बड़े पैरो के निशान देखे। जिन्हें देखकर सभी यह कयास लगाए रहे है कि यह येती के पैरों के निशान है। लेकिन जो भी हो समय-समय पर येती ने अपने वजूद को इशारों-इशारों में समझाने की कोशिश की है।
सामने आया सुबूत
1951 में ब्रिटिश पर्वतरोही एरिक शिप्टन ने हिमालय की चढ़ाई के दौरान मेनलुंग ग्लेशियर पर विशालकाय पैरों के निशान की तस्वीर अपने कैमरे में कैद की थी। हिममानव के होने का यह पहला सुबूत था।
दावों की लगी झड़ी
1953 में सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई करते समय बड़े पैरों के निशान देखे थे। 2008 में साहसी जापानी लोगों ने तिब्बत स्थित हिमालयी क्षेत्र में लगभग आठ इंच लंबे पैरों के निशान देखने का दावा किया था।
पहली बार सामने आई कहानी
1925 में एक जर्मन फोटोग्राफर ने हिममानव पर पहली रिपोर्ट प्रकाशित की थी। उन्होंने बताया था उसकी आकृति बिल्कुल इंसान के जैसी थी। वह सीधा खड़ा होकर चल रहा था। बर्फ के बीच उसका डार्क कलर नजर आ रहा था। जहां तक मैं देख पाया, उसने कोई कपड़ा नहीं पहन रखा था।
रहस्यों से उठाया पर्दा
2017 में अमेरिकी जीवविज्ञानी शॉर्लट लिंडक्विस्ट के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने दावा किया कि उन्होंने हिममानव और उसके अंत से जुड़े रहस्यों को ढूंढ निकाला है। उन्होंने हिममानव के अवशेषों का डीएनए टेस्ट के ज़रिये विश्लेषण किया। इन अवशेषों के नमूनों में हाथ, दांत, हाथ की त्वचा, बाल और मल मिले, जो तिब्बत और हिमालयी इलाकों में मिले थे।
जांच के दौरान उपलब्ध नौ नमूनों में से एक कुत्ते का निकला जबकि अन्य उस इलाके में रहने वाले आठ अलग-अलग प्रजातियों के भालू के थे। जैसे एशियाई काले भालू, हिमालय और तिब्बत के भूरे भालू। शोध की शुरुआती अवधारणा यह थी कि ये नमूने भालूओं की उस प्रजाति से मिलते हैं, जिनकी अभी तक खोज नहीं हो सकी है।
हिममानव के अन्य नाम
कई देशों में हिममानव को अलग-अलग नामों से जाना जाता है।
येती (तिब्बत और नेपाल)
अल्मास (मंगोलिया)
बटुटुट (वियतनाम)
बिगफुट (उत्तर अमेरिका)
योवी (ऑस्ट्रेलिया)
फियर लीथ (स्कॉटलैंड)
Shantanu Roy
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