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साबुन हर कोई इस्तेमाल करता है. अपनी पसंद के अनुसार, हर कोई अलग-अलग तरह का साबुन इस्तेमाल में लाता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | साबुन हर कोई इस्तेमाल करता है. अपनी पसंद के अनुसार, हर कोई अलग-अलग तरह का साबुन इस्तेमाल में लाता है. बाजार में नहाने से लेकर कपड़े धोने के साबुन उपलब्ध हैं. जो अलग-अलग शेप, साइज और रंग में मिलते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि साबुन किसी भी रंग का हो, उसका झाग हमेशा सफेद ही क्यों निकलता है?
सफेद रंग का क्यों होता है झाग?
कभी आपके दिमाग में यह भी आता होगा कि जिस रंग का साबुन होता है, झाग उसी रंग का क्यों नहीं निकलता. बता दें कि इसके पीछे विज्ञान छिपा हुआ है.
झाग बनने के बाद खो जाता है रंग!
विज्ञान की ही वजह से किसी भी साबुन से हाथ धोने के बाद उसका रंग कहीं खो जाता है और झाग सिर्फ सफेद ही निकलता है. विज्ञान के अनुसार, किसी भी चीज का अपना कोई रंग नहीं होता है. किसी भी चीज के रंगीन दिखने के पीछे की वजह प्रकाश की किरणें होती हैं.
जानिए पीछे का विज्ञान
यदि कोई चीज प्रकाश की सभी किरणों को अवशोषित कर लेती है, तो वह चीज काली दिखाई देती है. दूसरी तरफ अगर कोई चीज प्रकाश की सभी किरणों को परावर्तित कर देती है, तो वह चीज सफेद दिखाई देती है. साबुन के झाग के मामले में भी ऐसा ही है.
क्या कहती है रिपोर्ट
एथेंस साइंस की रिपोर्ट कहती है कि साबुन किसी भी रंग का हो, जब इसका झाग बनता है तो इसमें हवा, पानी और साबुन होता है. गोल आकार लेकर यही बुलबुलों के रूप में दिखते हैं. इन पर जब प्रकाश की किरणें पड़ती हैं तो वह परावर्तित हो जाती हैं. इस कारण ये ट्रांसपेरेंट बुलबुले सफेद दिखाई देते हैं.
ट्रांसपेरेंट होते हैं झाग से बने बुलबुले
विज्ञान यह भी बताता है कि साबुन के झाग से बने छोटे बुलबुले सतरंगी पारदर्शी फिल्म से बने होते हैं, लेकिन असल में ये ट्रांसपेरेंट होते हैं. इसी कारण जब इनके ऊपर प्रकाश की किरणें पड़ती हैं तो यह परावर्तित हो जाती हैं. यही कारण है कि साबुन हरे रंग का हो या पीला, नीले रंग का हो या सफेद झाग हमेशा सफेद ही निकलता है.
Teja
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