x
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Professor Protest: आमतौर पर प्रोफेसर के हाथ में कलम और किताब ही देखी जाती है. लेकिन बिहार के आरा स्थित वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के भोजपुरी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर दिवाकर पांडेय ने किताब और कलम को छोड़कर टॉयलेट ब्रश उठा लिया है. ऐसा करने के पीछे एक बड़ी वजह है. दरअसल, दिवाकर पांडेय विभाग से जुड़ी समस्याओं को लेकर कॉलेज प्रशासन द्वारा नजरंदाज किए जाने को लेकर परेशान थे, जिस कारण वे गांधीगिरी पर उतर आए आए और इस तरह से अनोखा विरोध किया है. प्रोफेसर साहब ने समस्याएं न सुने जाने पर ख़ुद ही कुछ समस्याओं से निपटने की जिम्मेदारी उठा ली है.
भोजपुरी विभाग में थी काफी ज्यादा गंदगी
दरअसल, भोजपुरी भवन के फ्लोर पर साफ-सफाई और रख-रखाव के लिए कुछ सफाईकर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन कुछ सप्ताह पहले उन सफाईकर्मी को दूसरे विभाग में बुला लिया गया. जिस कारण भोजपुरी विभाग में काफी ज्यादा गंदगी हो गई. टॉयलेट का हाल इतना बुरा हो गया कि उसमें जाना भी मुश्किल हो गया था. प्रोफेसर दिवाकर पांडेय ने इस समस्या को कॉलेज प्रशासन से साझा किया. लेकिन काफी शिकायतों के बाद भी इस बात पर ध्यान नहीं दिया गया. यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा इस मामले को नजरअंदाज किए जाने से नाराज प्रोफेसर दिवाकर गांधीगिरी पर उतर आए और खुद भोजपुरी विभाग के कमरे और टॉयलेट की साफ-सफाई कर डाली.
कमरे से लेकर टॉयलेट तक सब कर डाला साफ
प्रोफेसर दिवाकर पांडेय गांधीगिरी के अवतार में क्या आए उन्होंने तो भोजपुरी विभाग के कमरे से लेकर टॉयलेट और वॉशबेसिन तक सब साफ कर डाला. उन्होंने अपने हाथों से सभी चीजों को साफ़ किया और कॉलेज प्रशासन के खिलाफ नाराज़गी जताई. जब इस मामले में दिवाकर जी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि 'जब तक प्रशासन कोई सफाईकर्मी नियुक्त नहीं करता तब तक यह विरोध चलता रहेगा. पहले विभाग की सफाई की जाएगी फिर बच्चों को पढ़ाया जाएगा'.
Next Story