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बचपन में बच्चों को अगर किसी चीज से डर लगता है या कोई मानसिक समस्या का सामना करना पड़ता है,
बचपन में बच्चों को अगर किसी चीज से डर लगता है या कोई मानसिक समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उसका असर लंबे समय तक रहता है. इसलिए कोशिश करें कि अपने बच्चे को बचपन में ऐसे हर मानसिक डिसऑर्डर से बचाएं, ताकि उनका बचपन और आगे की जिंदगी बेहतर हो सके. बच्चों के मां-बाप उन्हें एक दूसरे से कंपेयर बहुत ज्यादा करते हैं और उनके दिमाग में यह डाल देते हैं कि उन्हें एक दूसरे से बेहतर बनना है. एक दूसरे से आगे निकल जाने वाली भावना बच्चे पर प्रेशर डाल सकती है और उससे बच्चे को एंजाइटी जैसी स्थिति का सामना करना पड़ सकता है. अगर आपके बच्चे भी चिंता का सामना करते हैं तो कुछ टिप्स की मदद से उनकी एंजाइटी को कम किया जा सकता है. आइए जानते हैं.
टिप्स जिनसे बच्चे की एंजाइटी को कंट्रोल किया जा सकता है
एनपीआर डॉट ओआरजी के मुताबिक बच्चे की एंजाइटी के कारण को पता लगाना चाहिए. कई बार वह भविष्य में आने वाली चुनौतियों के कारण एंजाइटी में रहता है इसलिए उनका इस मामले में सपोर्ट करें. बच्चे में एंजाइटी के लक्षणों को देखें. अगर यह लक्षण दिख रहे हैं तो उनकी समय पर मदद करें. उन्हें मेंटल सपोर्ट प्रदान करें और अगर जरूरत है तो थेरेपिस्ट के पास लेकर जाएं. बच्चे को पूरी तरह से रिलैक्स करने में मदद करें ताकि वह आपके सामने अपनी सारी समस्या के बारे में बता सके.
इन बातों का रखें ध्यान
बच्चे के डर को सुन कर हंसे नहीं, बल्कि उसकी भावनाओं को समझें. उन्हें इस तरह से रिस्पॉन्स दें ताकि वह खुद को सुरक्षित समझ सके. उनके जज्बातों को सही ठहराएं. बच्चे को उसके डर से लड़ने में और उस पर विजय पाने में मदद करें ताकि वह लंबे समय तक एक ही चीज के कारण एंजाइटी न महसूस कर पाए. उनके अंदर आत्म विश्वास बनाएं ताकि वह खुद पर कभी भी शक न कर सकें.
Ritisha Jaiswal
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