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नानी ने बताई श्रीजा की कहानी, अब बेटी से मिलना चाहते हैं पिता

Tulsi Rao
25 July 2022 12:36 PM GMT
नानी ने बताई श्रीजा की कहानी, अब बेटी से मिलना चाहते हैं पिता
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Bihar Topper Sreeja Success Story: सीबीएसई बोर्ड के नतीजे घोषित हो चुके हैं और हर तरफ बिहार में दसवीं क्लास की टॉपर श्रीजा की चर्चा की है. बिहार की इस टॉपर बेटी की कहानी किसी को भी भावुक कर सकती है साथ ही जीवन में बेहतर करने की प्रेरणा दे सकती है. बचपन में मां का साया सिर से उठ गया और फिर पिता ने भी अपनाने से इनकार कर दिया. इन संघर्षों का सामना करते हुए श्रीजा ने CBSE की 10वीं की परीक्षा में 99.4 फीसदी नंबर लाकर पूरे राज्य में टॉप किया है. अब उनकी नानी का एक वीडियो जमकर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह अपने और श्रीजा के संघर्ष की कहानी बयां कर रही हैं.

नानी ने बताई श्रीजा की कहानी
सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में श्रीजा की नानी बताती हैं कि उनकी बेटी के निधन के बाद दामाद ने श्रीजा को अपनाने से इनकार कर दिया और दूसरी शादी कर ली. ऐसे में श्रीजा ने नाना-नानी के पास रहकर ही अपनी पढ़ाई की. जब श्रीजा की मां के देहांत हुआ तब उसकी उम्र सिर्फ 5 साल थी लेकिन आज वह पूरे बिहार में टॉपर के तौर पर पहचानी जा रही हैं. उनकी नाना ने बताया कि उनके दामाद ने श्रीजा को घर से बाहर कर दिया यह उनका दुर्भाग्य है क्योंकि आज हमें ये सौभाग्य मिल रहा है कि श्रीजा की इस उपलब्धि पर खुश होकर जश्न मना सकते हैं.

अब बेटी से मिलना चाहते हैं पिता
श्रीजा की नानी ने आगे कहा कि आज उनको अहसास हो रहा होगा कि बचपन में दामाद ने जिस बेटी को घर से भगा दिया था वह आज अपने नाना-नानी का नाम रोशन कर रही है.उन्होंने बताया कि श्रीजा की मां की मौत के बाद दामाद कभी घर नहीं आए और न ही श्रीजा से किसी तरह का कोई रिश्ता रखा. लेकिन अब जब श्रीजा टॉपर बन गई है तो उसके पिता ने उससे मिलने की इच्छा जाहिर की है.
इस वीडियो को देखने के बाद लोग श्रीजा के साहस और मेहनत की तारीफ कर रहे हैं. बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी वीडियो शेयर कर श्रीजा के साहत को सलाम किया है. उन्होंने कहा कि प्रतिभा अवसरों की मोहताज नहीं है और किसी भी रूप में अगर मैं काम आ सकूं तो यह मेरा सौभाग्य होगा. किसी भी बच्चे के सिर से मां का साया उठ जाना किसी सदमे से कम नहीं होता, लेकिन श्रीजा ने उस कमजोरी को अपना साहस बनाया. साथ ही विपरीत हालात में मेहनत और कड़े दृढ़संकल्प से यह मुकाम हासिल करके दिखाया है.


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