जरा हटके
यहां बंदरों के लिए सजता है बुफे, हर साल दी जाती है पार्टी
Ritisha Jaiswal
31 July 2022 7:46 AM GMT
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दुनिया में जितने धर्म और समुदाय हैं, उससे दुगनी उनकी मान्यताएं हैं. लोगों ने सालों से अपनी अनोखी परंपरा को बचाकर रखा है
दुनिया में जितने धर्म और समुदाय हैं, उससे दुगनी उनकी मान्यताएं हैं. लोगों ने सालों से अपनी अनोखी परंपरा को बचाकर रखा है और आज तक उसका पालन करते आ रहे हैं. कई बार ये मान्यताएं धर्म से जुड़ी होती हैं तो कई बार किसी और कारण से, मगर सालों से उनको मनाए जाने के कारण वो लोगों की जिंदगी का अहम हिस्सा बन चुके हैं. ऐसी ही मान्यता है थाइलैंड का मंकी बुफे फेस्टिवल (Monkey Buffet Festival, Thailand). आसान भाषा में समझाएं तो थाइलैंड में एक त्योहार (Thailand festival of monkeys) होता है जिसमें बंदरों के लिए शादियों की तरह से बुफे लगता है.
बैंकॉक (Bangkok, Thailand) से करीब 150 कीलोमीटर दूर एक शहर है जिसका नाम है लोपबुरी (Lopburi). इस थाई शहर में हर साल एक त्योहार मनाया जाता है जिसे 'मंकी बुफे फेस्टिवल' (Lopburi monkey festival) कहते हैं. इस त्योहार की खासियत ये है कि इसमें किसी जलसे की तरह तैयारी होती है, बुफे में खाने का इंतजाम किया जाता है, सजावट होती है मगर ये सब कुछ इंसानों के लिए नहीं, बंदरों के लिए होता है.
बंदरों के लिए त्योहार
त्योहार का इंतेजाम करने वाले लोग बंदरों के लिए ताजे फल, सलाद और थाई मिठाइयां उपलब्ध कराते हैं और बहुत बड़े जलसे की तरह इस त्योहार को मनाते हैं. अब सवाल ये उठता है कि ऐसे त्योहार को मनाने के पीछे क्या कारण है. लोगों का मानना है कि इस त्योहार की शुरुआत यहां के एक लोकल व्यापारी ने की थी. उसका मानना था कि लोपबुरी में बंदरों की संख्या ज्यादा थी जिसके चलते यहां टूरिस्ट काफी आते थे और उन्हें खाना खिलाते थे. देखते-देखते टूरिस्टों की संख्या बढ़ती गई और व्यापारियों का बिजनेस भी बढ़ता गया. ऐसे में उसने बंदरों को पार्टी देना शुरू कर दिया जिससे ज्यादा से ज्यादा बंदर शहर में रहें.
बंदरों ने शहर में मचा दिया है उत्पात
कोरोना काल में थाइलैंड का ये शहर बंदरों के कारण परेशान भी हो रहा है. डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर से यहां पर्यटक घूमने आते थे जो बंदरों को खाने-पीने की चीजें दे देते थे जिससे उनका पेट पल जाता था मगर कोरोना महामारी के कारण लोगों का आना पहले बंद हुआ और अब काफी कम हो गया तोबंदरों ने आम नागरिकों का जीना हराम कर दिया है. बंदर अब लोगों की कार में घुस जा रहे हैं, दुकानों से सामान चुरा रहे हैं, खाने और अपने इलाके के लिए आपस में भिड़ रहे हैं और अक्सर लोगों के घरों के अंदर भी घुस जा रहे हैं. पिछले लंबे वक्त से यहां के बंदर इंसानों के साथ ही रहते हैं इसलिए अब उनके अंदर से इंसानों के लिए खौफ भी खत्म हो गया है. साल 2020 में कई बंदरों को स्टरलाइज किया गया था जिससे उनकी आबादी पर काबू पाया जा सके मगर ऐसे नहीं हो सका
Ritisha Jaiswal
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