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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | पालतू जानवर को अपने घर में रखने वाले लोगों का इमोशनल अटैचमेंट हो जाता है. लंबे समय के बाद अगर पालतू जानवर की मौत हो जाती है तो उनके लिए यह काफी परेशान करने वाली घटना हो सकती है. कुछ ऐसा ही तमिलनाडु के शिवगंगा में देखने को मिला. एक 82 वर्षीय रिटायर्ड सरकारी कर्मचारी ने अपने सबसे प्रिय और वफादार साथी को श्रद्धांजलि देने का फैसला किया. मुथु नाम के व्यक्ति ने अपने दिवंगत पालतू कुत्ते टॉम नाम के एक लैब्राडोर की याद में अपने खेत में एक मंदिर बनवाया है. जनवरी 2021 में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण कुत्ते की मृत्यु होने तक मुथु लगभग 11 वर्षों तक टॉम के साथ रहा.
11 साल पहले शख्स को कुछ ऐसे मिला था टॉम
मुथु के भतीजे मनोज कुमार ने मीडिया को बताया, 'टॉम को मेरे भाई अरुण कुमार ने 11 साल पहले खरीदा था, लेकिन हम उसे अपने पास नहीं रख सके, इसलिए हमने उसे छह महीने बाद अपने चाचा को सौंप दिया, टॉम हमेशा उसका साथी था. दोनों ने एक-दूसरे को बेहद प्यार किया, लेकिन टॉम के मौत के बाद ही वह अलग हुए.'
पिछले साल जनवरी में हुई टॉम की मौत
एक साल पहले, टॉम की सेहत बिगड़ने लगी और फिर धीरे-धीरे समस्या बढ़ने लगी. जनवरी 2021 में उनका निधन हो गया. टॉम की याद में, मुथु ने 80,000 रुपये खर्च करके एक संगमरमर की मूर्ति बनाई, और बाद में शिवगंगा जिले के मनामदुरै के पास ब्राह्मणकुरिची में अपने खेत पर एक मंदिर बनाया.
अब टॉम की प्रतिमा पर चढ़ाया जाता है प्रसाद
मनोज ने कहा कि प्रतिमा पर प्रतिदिन प्रसाद चढ़ाया जाता है और सभी शुभ दिनों में इसे न केवल माला पहनाई जाती है, बल्कि टॉम के पसंदीदा भोजन को भी बनाया जाता है. टॉम की मृत्यु के एक साल बाद जनवरी में प्रतिमा स्थापित की गई, और मंदिर लोगों के आने और प्रार्थना करने के लिए खुला हुआ है.
Teja
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