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विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की, जमानत की सुनवाई के दौरान रखे ये तर्क
न्यूज़ क्रेडिट:amarujala
नागरिकता संशोधन कानून(CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(NRC) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़की थी। खालिद के अलावा, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू छात्र नताशा नरवाल और देवांगना कलिता, जामिया समन्वय समिति के सदस्य सफूरा जरगर, आप के पूर्व पार्षद ताहिर हुसैन और कई अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था।
जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद ने गुरुवार को हाईकोर्ट के समक्ष तर्क रखा कि केवल एक व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य होना अपराध नहीं है, जब तक उसे कुछ भी आपत्तिजनक साक्ष्य के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जाता। खालिद ने हाईकोर्ट के समक्ष अपनी जमानत पर सुनवाई के दौरान उक्त तर्क रखते हुए कहा क्या व्हाट्सएप ग्रुप का सदस्य होना अवैध है, जब तक कि आप कोई गैरकानूनी काम नहीं करते हैं।
फरवरी 2020 में दंगों के पीछे कथित साजिश से संबंधित यूएपीए मामले में खालिद को गिरफ्तार किया गया था। जस्टिस सिद्धार्थ मृदुल और जस्टिस रजनीश भटनागर की पीठ के समक्ष खालिद के वकील ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा उद्धृत पांच व्हाट्सएप समूहों में से वह दो समूहों का सदस्य है, जिसमें वह भी चुप रहा और उसने केवल एक समूह में चार संदेश पोस्ट किए। उन्होंने तर्क दिया तथ्य यह है कि मैं दो व्हाट्सएप ग्रुपों का हिस्सा हूं, जिनमें से मेरे खिलाफ पांच में मैं चुप रहा, मुझे आपराधिक रूप से उत्तरदायी नहीं बना सकता।
उन्होंने कहा उनका मुवक्किल ग्रुप का एडमिन नहीं है वह सिर्फ ग्रुप का सदस्य है, एडमिन तो कोई और हैं। यदि ग्रुप में किसी और ने कुछ कहा है तो इसे मेरे खिलाफ मामले का आधार नहीं बनाया जा सकता। वकील ने कहा कि केवल व्हाट्सएप ग्रुप की सदस्यता को खालिद के खिलाफ साजिश या अवैधता की घटना के रूप में रखा गया है।
अदालत ने उनका पक्ष सुनने के बाद सरकार पक्ष को अपनी दलीले पेश करने का निर्देश देते हुए सुनवाई एक अगस्त तय कर दी। उच्च न्यायालय ने इससे पहले खालिद से 21 फरवरी, 2020 को अमरावती में अपने भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के मामले में पूछताछ की थी। खालिद को 13 सितंबर, 2020 को गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में है। खालिद, शरजील इमाम, और कई अन्य लोगों पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत कथित तौर पर फरवरी 2020 के दंगों के मास्टरमाइंड होने के लिए मामला दर्ज किया गया है।