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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
यमुना खादर क्षेत्र में कई किसानों ने नर्सरी का काम किया था। शुक्रवार आधी रात के बाद अचानक पानी भरने से उनकी नर्सरी पानी में डूब गई। मयूर विहार खादर क्षेत्र में नर्सरी का काम करने वाले कमलेश ने बताया कि उनका लाखों रुपये का नुकसान हो गया।
यमुना का जलस्तर बढ़ने से खादर क्षेत्र में किसानों की सैकड़ों बीघा फसलें डूब गईं। अब इन किसानों के सामने रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है। किसानों ने पांच हजार रुपया प्रति बीघे की दर पर किराए पर खेत लेकर फसलें उगाई थीं। इसमें भिंडी, चौराई, तोरी, पालक, घीया जैसी सब्जियां थीं। ये सारी सब्जियां पानी में डूब गईं।
यमुना खादर क्षेत्र में कई किसानों ने नर्सरी का काम किया था। शुक्रवार आधी रात के बाद अचानक पानी भरने से उनकी नर्सरी पानी में डूब गई। मयूर विहार खादर क्षेत्र में नर्सरी का काम करने वाले कमलेश ने बताया कि उनका लाखों रुपये का नुकसान हो गया। दो दिन से वह पानी के भीतर से पौधों को बाहर निकाल रहे हैं। उनके तीस फीसदी पौधे पानी में ही रह गए हैं।
अपने बचे हुए पौधों को उन्होंने दिल्ली-नोएडा लिंक रोड पर रखा है। अब वह पानी कम होने का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनकी नर्सरी में हजार रुपये से सौ रुपये तक के पौधे हैं। उनको भारी नुकसान उठाना पड़ा है।
लाखों रुपये की सब्जियां पानी में डूब गईं
पांच हजार रुपया प्रति बीघा की दर पर करीब 10 बीघा खेत किराए पर लिया है, पूरा परिवार मिलकर सब्जियां उगाते हैं। इस बार सारी सब्जियां पानी में ही डूब गईं। - अशोक मौर्य, किसान
बदायूं से आकर पूरा परिवार यहीं यमुना खादर में ही रहता है। हमने पालक, चौराई, तोरी, घीया जैसी और भी कई सब्जियां उगाई थी, सब पानी में डूब गई। - चतुर लाल, किसान
यमुना खादर में हमारे जैसे करीब 10 हजार लोग खेती करके अपना घर चलाते हैं। लेकिन पानी भरने से इस साल सारी फसलें डूब गईं। अब हमारे सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। - राजवीर, किसान
हमारे चार बेटे यमुना खादर में खेती करते हैं। हमने भिंडी, तोरी और घीया की खेती की थी, लेकिन सारी सब्जियां डूब गईं। दो दिन से पूरा परिवार टेंट में है। हम पानी उतरने का इंतजार कर रहे हैं।