दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली में भाजपा-आप के बीच जुबानी जंग जारी

Rani Sahu
28 Aug 2022 5:05 PM GMT
दिल्ली में भाजपा-आप के बीच जुबानी जंग जारी
x
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों में निर्माण करते समय टॉयलेट्स को क्लासरूम बताकर पैसों की भारी हेराफेरी की है
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सरदार आरपी सिंह ने आरोप लगाया है कि दिल्ली सरकार ने स्कूलों में निर्माण करते समय टॉयलेट्स को क्लासरूम बताकर पैसों की भारी हेराफेरी की है। सीवीसी रिपोर्ट के आधार पर उन्होंने दावा किया कि शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कक्षाओं और टॉयलेट्स के निर्माण के समय कक्षाओं की संख्या कम कर दीं और इनकी जगह टॉयलेट्स की संख्या बढ़ाकर कुल संख्या पूरी कर दी। इस तरह से एक क्लासरूम की जगह केवल एक टॉयलेट बनाकर भारी मात्रा में पैसा बचाया गया और भ्रष्टाचार किया गया। अनुमान है कि इस तरह लगभग 326 करोड़ रूपये की हेराफेरी की गई। वहीं, आम आदमी पार्टी ने कहा है कि भाजपा नए-नए आरोप लगाकर दिल्ली की सरकार गिराने की उसकी कोशिश से जनता का ध्यान हटाना चाहती है।
कितनी कक्षा और कितने टॉयलेट्स?
बीजेपी नेता आरपी सिंह के अनुसार, सीवीसी की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि दिल्ली के 194 स्कूलों में 6133 कक्षाओं का निर्माण कराया जाना था, लेकिन वास्तविकता में केवल 141 स्कूलों में 4027 कक्षाओं का निर्माण किया गया। टेंडर में केवल 160 टॉयलेट बनाने को ही स्वीकृति दी गई थी, लेकिन बाद में सरकार ने दिल्ली के 194 स्कूलों में 1214 टॉयलेट बना दिए। उन्होंने आरोप लगाया कि कक्षाओं की संख्या में कमी करके और टॉयलेट की संख्या बढ़ाकर कुल निर्मित भवनों की गिनती तो पूरी कर दी गई, लेकिन कक्षाओं के निर्माण की तुलना में टॉयलेट बनाने में कम खर्च लगाकर लगभग 326 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई।
निर्धारित मानकों के मुताबिक, एक कक्षा के निर्माण में लगभग 33 लाख रूपये का खर्च आता है, जबकि एक टॉयलेट के निर्माण में इससे बहुत कम खर्च आता है। आरोप है कि इस बचत के जरिए जनता के पैसों में भारी हेराफेरी की गई। आरोप यह भी है कि पीडब्ल्यूडी ने स्कूलों में 29 रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने का दावा किया था, लेकिन जांच के समय केवल दो सिस्टम ही पाए गए।
कितनी धनराशि स्वीकृत?
सीवीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि इस पूरे प्रोजेक्ट के लिए 989.26 करोड़ रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई थी, जबकि अवार्ड वैल्यू 860.63 करोड़ रुपये थी। लेकिन इस योजना का खर्च अंतिम रूप से 1315.57 करोड़ रुपये आया। आरोप है कि इस बढ़ी धनराशि में हेरफेर करके भ्रष्टाचार किया गया। नियमों के अनुसार यदि योजना में कोई अतिरिक्त कार्य कराया जाता है तो इसके लिए नया टेंडर जारी किया जाना चाहिए था, लेकिन इस मामले में ऐसा नहीं किया गया।
सरदार आरपी सिंह ने कहा कि इसी तरह शराब नीति के मामले में सरकार ने कंपनियों की 'अर्नेस्ट मनी' उन्हें वापस करने का दावा किया है। लेकिन नियमों के अनुसार यदि कोई भी कंपनी लाइसेंस लेने से पीछे हटती है तो उसके द्वारा सरकार के पास जमा की गई अर्नेस्ट मनी कभी वापस नहीं होती। लेकिन सरकार ने कोरोना काल में कंपनियों को सहूलियत देने के नाम पर यह अर्नेस्ट मनी उन्हें वापस करने का दावा किया है। उन्होंने कहा कि सच्चाई यह है कि इस पैसे की वापसी के नाम पर भ्रष्टाचार किया गया जो अब लोगों की नजर में आ चुका है। उन्होंने कहा कि यह नियमों का सीधा उल्लंघन है और इस मामले में मनीष सिसोदिया का जेल जाना तय है।
आम आदमी पार्टी ने किया बचाव
भाजपा के इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी ने कहा है कि दिल्ली सरकार का शिक्षा मॉडल सबसे बेहतर है और पूरी दुनिया में इसकी प्रशंसा हो रही है। सच्चाई यह है कि भाजपा ने आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीद कर दिल्ली सरकार गिराने की असफल कोशिश की है। इससे उसकी छीछालेदर हुई है, लेकिन अब उसी मुद्दे से जनता का ध्यान भटकाने के लिए सरकार पर तरह-तरह के आरोप लगाए जा रहे हैं।
आम आदमी पार्टी नेता आतिशी मार्लेना ने कहा है कि सीबीआई की 14 घंटे की रेड के बाद भी सिसोदिया के खिलाफ कोई आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई है, और भाजपा उन्हें फंसाने में नाकाम रही है। उन्होंने कहा है कि यही कारण है कि भाजपा के लोग परेशान हैं और तरह-तरह के आरोप लगाकर जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं।
Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story