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दिल्ली-एनसीआर
पॉलिगामी को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर जल्द सुनवाई करेगा सुप्रीम कोर्ट
Admin4
20 Jan 2023 8:45 AM GMT
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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह मुसलमानों में बहुविवाह और 'निकाह हलाला' की प्रथा की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच न्यायाधीशों की नई संविधान पीठ का गठन करेगा। चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस जे बी पर्दीवाला की पीठ ने इस मुद्दे पर एक जनहित याचिका दायर करने वाले वकील अश्विनी उपाध्याय के प्रतिवेदन पर गौर किया, जिसमें पीठ से अनुरोध किया गया था कि मामले में संविधान पीठ को नए सिरे से गठित करने की आवश्यकता है, क्योंकि पिछली संविधान पीठ के दो न्यायाधीश-न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता सेवानिवृत्त हो चुके हैं।
चीफ जस्टिस ने कहा, ''पांच न्यायाधीशों की पीठ के समक्ष यह बहुत महत्वपूर्ण मामला लंबित है। हम एक पीठ का गठन करेंगे और इस मामले पर गौर करेंगे।'' इस मामले पर पिछले साल दो नवंबर को सुनवाई की गई थी। पिछली पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने गत 30 अगस्त 2022 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC), राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग (NCM) को जनहित याचिकाओं में पक्षकार बनाया था और उनसे जवाब मांगा था।
तत्कालीन संविधान पीठ की अध्यक्षता जस्टिस बनर्जी कर रही थीं और जस्टिस गुप्ता, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस सुधांशु धूलिया इसमें शामिल थे। हालांकि, जस्टिस बनर्जी और जस्टिस गुप्ता पिछले साल क्रमशः 23 सितंबर और 16 अक्तूबर को सेवानिवृत्त हो गए, जिससे बहुविवाह और 'निकाह हलाला' की प्रथाओं के खिलाफ आठ याचिकाओं पर सुनवाई के लिए संविधान पीठ के पुनर्गठन की आवश्यकता पड़ी। उपाध्याय ने अपनी जनहित याचिका में बहुविवाह और 'निकाह हलाला' को असंवैधानिक और अवैध घोषित करने का निर्देश देने का आग्रह किया है। शीर्ष अदालत ने जुलाई 2018 में उनकी याचिका पर विचार किया था और इस मामले को संविधान पीठ के पास भेज दिया था, जो पहले से ही ऐसी ही याचिकाओं की सुनवाई कर रही थी।
Admin4
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