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रक्षा सहयोग के मुद्दे पर भारत और जॉर्डन के बीच दूसरी सलाहकार बैठक

Rani Sahu
21 March 2023 6:48 PM GMT
रक्षा सहयोग के मुद्दे पर भारत और जॉर्डन के बीच दूसरी सलाहकार बैठक
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| भारत और जॉर्डन सैनिकों की ट्रेनिंग, साइबर सुरक्षा और सैन्य अभ्यास को लेकर एक आपस में सहयोग करेंगे। इस विषय पर भारत और जॉर्डन के बीच रक्षा सहयोग के मुद्दे पर दूसरी सलाहकार बैठक का आयोजन मंगलवार को नई दिल्ली में किया गया। इस दौरान दोनों देशों ने आपसी रक्षा संबंधों को और अधिक विस्तार के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों के कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक इनमें मुख्य रूप से सैन्य प्रशिक्षण एवं पाठ्यक्रम, साइबर सुरक्षा, सैन्य अभ्यास, सैन्य चिकित्सा तथा क्षमता निर्माण सहित कई विषय शामिल थे। दोनों देशों ने आपसी हित के लिए पारस्परिक रूप से लाभप्रद क्षेत्रों में सहयोग स्थापित करने के उद्देश्य से रक्षा उद्योग और अनुसंधान एवं विकास में अपनी संबंधित क्षमताओं व कार्य-प्रणालियों का भी आदान-प्रदान किया।
रक्षा मंत्रालय का कहना है कि जॉर्डन से आए हुए प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय रक्षा उद्योग जगत के प्रतिनिधियों के साथ भी बातचीत की। इस बैठक की सह-अध्यक्षता रक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिताभ प्रसाद और जॉर्डन के सैन्य प्रशिक्षण निदेशालय में निदेशक ब्रिगेडियर जनरल हसन दखलल्लाह निमेर अल-सबेहाट ने की।
गौरतलब है कि रक्षा क्षेत्र में भारत ने विश्व के कई राष्ट्रों के साथ बेहतर तालमेल बनाया है। भारतीय नौसेना अमेरिका में आयोजित एक नौसैनिक पहले अभ्यास का हिस्सा बन रही है। भारत और अमेरिका के अलावा इस सैन्य अभ्यास में जापानी, कनाडा और कोरिया गणराज्य की नौसेना हिस्सा ले रही हैं। इसके लिए भारतीय नौसेना का पी-8 विमान अमेरिका के ग्वाम में पहुंच गया है, जहां वह एक्सरसाइज सी-ड्रैगन 23 में हिस्सा ले रहा है। यह अमेरिका की नौसेना द्वारा संचालित तीसरा सैन्याभ्यास है, जिसमें लंबी दूरी वाले एमआर एएसडब्लू विमानों के लिए बहुपक्षीय एएससडब्लू अभ्यास आयोजित किया जाता है।
भारतीय रक्षा मंत्रालय के मुताबिक अमेरिका में यह सैन्याभ्यास 15 मार्च से 30 मार्च, 2023 तक है। इस दौरान सैन्याभ्यास में हिस्सा लेने वाले देश पनडुब्बी-रोधी संयुक्त कार्रवाई का अभ्यास करेंगे। इन सैन्याभ्यासों की सघनता और दायरे को पिछले कई वर्षों के दौरान लगातार बढ़ाया जाता रहा है, ताकि उन्नत एएसडब्लू अभ्यास को शामिल किया जा सके।
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