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मेनका गांधी; होम्योपैथी सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत
अरविंद मिश्रा/नई दिल्ली: कोरोना संकट के बाद देश में होम्योपैथी दवाओं की मांग तेजी से बढ़ी है. लोगों में होम्योपैथी दवाओं और उपचार विधि को लेकर कई सारे सवाल भी रहते हैं. ईलाज की इस खास पद्धति में छिपी संभावनाओं को अवसर में तब्दील करने के लिए शोधकर्ताओं द्वारा लगातार कोशिश की जा रही है. इसी कड़ी में पद्मश्री से सम्मानित डॉ. मुकेश बत्रा ने होम्योपैथी सिंपल रेमेडीज फॉर ऑल एज किताब लिखी है. इस किताब का गुरुवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद मेनका गांधी ने विमोचन किया है. इस मौके पर मेनका गांधी ने कहा कि स्वस्थ भारत के निर्माण में होम्योपैथी की अहम भूमिका रहेगी. इसके लिए रिसर्च स्कॉलर के साथ ही इसके फायदे के बारे में लोगों बताना होगा. उन्होंने कहा कि डॉ. मुकेश बत्रा द्वारा लिखी गई किताब इस चिकित्सा पद्धति को लेकर कई आशंकाओं को दूर करती है.
पद्ममश्री से सम्मानित डॉ. मुकेश बत्रा पिछले लगभग 50 साल से चिकित्सक के रूप में लोगों की सेवा कर रहे हैं. अपनी पुस्तक में उन्होंने सभी उम्र के लिए रोजमर्रा की बीमारियों का मुकाबला करने के होम्योपैथी द्वारा मुहैया कराए जाने वाले उपचारों को शामिल किया है. इसमें प्रसव-पूर्व की समस्याओं से लेकर बुजुर्गों की रूमेटाइड आर्थराइटिस जैसी समस्त व्याधियों की देख-भाल के त्वरित होम्योपैथिक समाधान बताए गए हैं.
पुस्तक के विमोचन के मौके पर डॉ. मुकेश बत्रा ने कहा कि होम्योपैथी भारत में स्वास्थ्य की देखभाल का एक अहम जरिया है. लगभग 10 करोड़ लोग अपनी चिकित्सीय देखभाल के लिए इसका प्रयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं को सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ा जा सकता है. चिकित्सकों के साथ ही हर जिम्मेदार व्यक्ति को अपनी जिम्मेदारियों का पूरा करना होगा. पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम को वर्चुअल माध्यम से डॉ. शशि थरुर ने भी संबोधित किया. उन्होंने कहा कि देश और दुनिया के होम्योपैथी के क्षेत्र में बहुत संभावनाएं हैं. इन्हें अवसर में तब्दील करना होगा. इस पुस्तक को पॉपुलर प्रकाशन ने प्रकाशित किया है. नई दिल्ली के ग्रेटर कैलाश स्थित कुंजुम बुक स्टोर में आयोजित विमोचन समारोह में बड़ी संख्या में शोधकर्ता एवं स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े प्रतिनिधि मौजूद रहे.