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सेना से मिल रही पेंशन से घर चलाना मुश्किल, मिली आर्थिक मदद

Admin4
26 July 2022 11:49 AM GMT
सेना से मिल रही पेंशन से घर चलाना मुश्किल, मिली आर्थिक मदद
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दिल्ली देहात के मुखमेलपुर गांव निवासी सतबीर सिंह कारगिल युद्ध में घायल हो गए थे। जिसके बाद वह वह सेवानिवृत्त कर दिए, उनकी सहायता के लिए कई घोषणाएं की गई। लेकिन उन्हें कोई सहायता नहीं मिली। उन्हें केवल सेना से मामूली सी पेंशन मिल रही है।

कारगिल युद्ध के दौरान तोलोलिंग चोटी पर पाकिस्तानी घुसपैठियों को खदेड़ने हुए घायल हुए राजपूताना राइफल्स-दो के जांबाज लांस नायक (सेवानिवृत्त) सतबीर सिंह के सामने आज घर चलाने के लाले पड़े हुए है। केंद्र व दिल्ली सरकार से जीविका चलाने के लिए उनको खास मदद नहीं मिली है। इस वक्त सिर्फ नौकरी की एवज में पेंशन मिल रही है। यह पेंशन भी उन्हें काफी लड़ाई लड़ने के बाद मिलनी शुरू हुई है। उन्होंने घर चलाने के जूस की दुकान खोली, लेकिन कोरोना महामारी के कारण उनकी यह दुकान भी बंद हो चुकी है। इस कारण वह बहुत ही दुखी व परेशान है।

दिल्ली देहात के मुखमेलपुर गांव निवासी सतबीर सिंह कारगिल युद्ध में घायल हो गए थे। पाकिस्तानी घुसपैठियों के छक्के छुड़ाने के दौरान उन्होंने आमने-सामने लोहा लिया था और वह तोलोलिंग चोटी को मुक्त कराने के बाद नीचे आए थे। उन्हें अपनी उस बहादुरी पर गर्व है, लेकिन युद्ध में घायल होने के कारण नौकरी चली जाने का उन्हें अधिक दुख है। उनका कहना है कि एक तो वह देश की सेवा करने से वंचित हो गए है, वहीं उन्हें कोई सहायता नहीं मिली, जबकि युद्ध में उनके घायल होने पर उनकी सहायता के लिए कई घोषणाएं की गई थी।

उन्हें केवल सेना से मामूली सी पेंशन मिल रही है और यह पेंशन भी उन्हें कई साल तक काफी संघर्ष करने के बाद मिलनी शुरू हुई, मगर पेंशन के सहारे वह अपना घर नहीं चला पा रहे हैं। कारगिल युद्ध के बाद वह सेवानिवृत्त कर दिए, लेकिन उन्हें पूरी पेंशन नहीं दी गई। वह काफी वर्षों तक इस संबंध में लड़ाई लड़ते रहे। उनके संबंध में संसद में भी मुद्दा उठा था।

वह बताते हैं कि उन्होंने घर चलाने के लिए पांच साल पहले गांव में जूस की दुकान खोली थी, लेकिन ढाई साल पहले कोरोना महामारी की दस्तक के कारण उनकी दुकान बंद हो गई। इसके अलावा युद्ध के दौरान पैर में गोली लगने के कारण वह अन्य कोई कार्य भी नहीं सकते है। वह बैसाखी के सहारे चलते है। उधर घर की आर्थिक स्थिति सही होने के कारण उनके बड़े बेटे ने पढ़ाई बीच में छोड़कर एक कंपनी में ड्राइवर की नौकरी करनी शुरू की है, जबकि उन्हें अपने छोटे बेटे को पढ़ाने में दिक्कत हो रही है।

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