दिल्ली-एनसीआर

300 से अधिक लग्जरी गाड़ियां चुराने वाले इंटरस्टेट गैंग का भंडाफोड़, 17 कार बरामद

Shantanu Roy
3 Feb 2023 6:25 PM GMT
300 से अधिक लग्जरी गाड़ियां चुराने वाले इंटरस्टेट गैंग का भंडाफोड़, 17 कार बरामद
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नई दिल्ली। पूर्वी दिल्ली जिला की एटीएस की टीम ने 300 से अधिक लग्जरी वाहन चोरी के मामले में शामिल इंटरस्टेट गैंग का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने इस गैंग में शामिल 5 बदमाशों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से चोरी की 17 कारें और एक दोपहिया वाहन बरामद किया गया है. पूर्वी दिल्ली जिला की डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने शुक्रवार को बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान यूपी के मेरठ निवासी शोएब, रहीस मुल्ला, रेहान, अशरफ और दिल्ली के मयूर विहार निवासी चांद मिया के तौर पर हुई है. इनमें से रेहान और अशरफ ऑटो लिफ्टर है और बाकी सब रिसीवर हैं, जो चोरी की वाहन खरीदने के बाद उसका फर्जी कागजात तैयार कर बेच दिया करते थे. टीम जब चोरी के वाहनों और ऑटोलिफ्टर्स की तलाश कर रही थी, तो उन्हें मयूर विहार इलाके में मेघालय पंजीकरण नंबर वाली एक हुंडई कार संदिग्ध रूप से खड़ी मिली. पूछताछ करने पर पता चला कि कार दिल्ली के शकरपुर पुलिस स्टेशन के इलाके से चोरी की गई थी. आगे की जांच के बाद मयूर विहार निवासी चांद मियां को पकड़ा गया, जिसके कब्जे में मेघालय नम्बर की कार थी. उसके खुलासे के बाद उसके सहयोगी ऑटोलिफ्टर अशरफ सुल्तान को नोएडा सेक्टर 62 से गिरफ्तार किया गया.
उसकी निशानदेही पर चोरी की पांच कारें और एक स्कूटी बरामद की गई. साथ ही रिसीवर शोएब मलिक को पकड़ा गया, जिसकी निशानदेही पर चोरी की पांच और कारें बरामद की गईं. उसने आगे खुलासा किया कि वह रहीस मुल्ला के साथ काम करता है, जो चोरी के वाहनों का रिसीवर है. रहीस मुल्ला को छापेमारी के बाद मेरठ से गिरफ्तार किया गया. रहीस मुल्ला की निशानदेही पर विभिन्न स्थानों से चोरी की पांच और कारें बरामद की गईं. उसके खुलासे पर मेरठ से एक और ऑटोलिफ्टर रिहान को गिरफ्तार किया गया और उसके पास से पीएस लाजपत नगर और मालवीय नगर के क्षेत्र से चोरी की गई दो कारें बरामद की गईं. इस अभियान के दौरान झारखंड, उत्तराखंड, जम्मू और कश्मीर, पश्चिम बंगाल और पंजाब सहित विभिन्न राज्यों में आरोपियों को पकड़ने और चोरी के वाहनों की बरामदगी के लिए छापे मारे गए. निरंतर पूछताछ के दौरान, आरोपियों ने खुलासा किया कि वे चोरी के वाहनों की खरीद और बिक्री में शामिल हैं और 2020 से दिल्ली और एनसीआर में काम करते हैं. उन्होंने यह भी खुलासा किया कि चोरी की कारों के साथ छेड़छाड़ की गई थी और बेचने से पहले उन्हें फिर से पंजीकृत किया गया था. इनकी गिरफ्तारी से दिल्ली के विभिन्न पुलिस स्टेशनों में दर्ज वाहन चोरी के 18 मामलों को हल किया गया है.
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