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न्यूज़क्रेडिट:न्यूज़18
नई दिल्ली. दिल्ली सरकार ने 'डॉक्टर ऑन व्हील्स' योजना शुरू करने का फैसला लिया है, जिसके तहत निर्माण स्थलों पर काम करने वाले मजदूरों की नियमित स्वास्थ्य जांच की जाएगी. सरकार ने 'मोबाइल क्रेच' भी शुरू करने की घोषणा की है, जहां निर्माण मजदूरों के बच्चों को निर्माण स्थल पर ही आधुनिक सुविधाओं के साथ बेहतर देखभाल की सुविधाएं मिलेंगी.
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को दिल्ली बिल्डिंग एवं अन्य निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद इन दो नयी योजनाओं की घोषणा की. सिसोदिया ने कहा कि दोनों नयी योजनाओं से शहरभर के निर्माण मजदूरों को लाभ मिलेगा.
इस बयान में सिसोदिया के हवाले से कहा गया है, 'डॉक्टर ऑफ व्हील्स योजना से निर्माण स्थलों पर मजदूरों को नियमित स्वास्थ्य जांच की सुविधा मिलेगी. केजरीवाल सरकार निर्माण स्थलों पर ही मजदूरों के बच्चों के लिए विशिष्ट मोबाइल क्रेच शुरू करेगी, जहां उन्हें आधुनिक सुविधाओं के साथ बेहतर देखभाल मिलेगी.'
सिसोदिया ने दावा किया कि कोविड-19 महामारी और प्रदूषण के कारण निर्माण गतिविधियां रुकने के बावजूद आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने 600 करोड़ से अधिक की सहायता मुहैया कराकर मजदूरों को सहयोग दिया. सिसोदिया के पास श्रम विभाग का भी प्रभार है.
उन्होंने कहा, 'केजरीवाल सरकार निर्माण मजदूरों के लिए 17 कल्याणकारी योजनाएं चला रही है और पिछले साल मजदूरों को 13 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता दी गयी थी.'
इस साल की शुरुआत में सरकार ने निर्माण मजदूरों के लिए डीटीसी बसों में निशुल्क बस पास की सुविधा शुरू की थी. बयान के अनुसार, बैठक में अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि अभी बोर्ड को श्रम कार्ड के लिए 17 लाख से अधिक आवेदन मिल चुके हैं.
योग्य लोगों को फायदा मिलने के लिए उपमुख्यमंत्री ने अधिकारियों को एक स्वतंत्र एजेंसी से सामाजिक ऑडिट कराने का निर्देश दिया है. इसके लिए दो सदस्यीय समिति गठित की जाएगी, जो ऑडिट के लिए बोर्ड को अपना प्रस्ताव भेजेगी.
इसमें कहा गया है कि दिल्ली सरकार निर्माण मजदूर कल्याण बोर्ड की अपनी वेबसाइट भी उन्नत करेगी ताकि लाभार्थियों को बेहतर और सुगम सुविधाएं मिलें. बयान में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने निर्माण मजदूरों के बच्चों की शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता भी दी है और अभी तक 16,000 छात्रों को 12.35 करोड़ रुपये दिए हैं.