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दिल्ली-एनसीआर
BJP-कांग्रेस :मुफ्त वाले दांव से ही केजरीवाल को मात देने में जुटी
HARRY
11 Jun 2023 2:24 PM GMT
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कोई राज्य छीनने में कामयाब हो सकेंगे?
दिल्ली | मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक पारी की शुरुआत भ्रष्टाचार के विरोध में उपजे जनाक्रोश का परिणाम अवश्य थी, लेकिन राजनीति में उनकी जड़ें जमाने का श्रेय उनकी 'मुफ्त' की राजनीति को जाता है। आम आदमी ने केजरीवाल के इस वादे पर इतना भरोसा किया कि उनके सामने जमे-जमाए राजनीतिक दलों के पांव उखड़ गए। इसके दम पर केजरीवाल ने कांग्रेस से न केवल दिल्ली, बल्कि पंजाब भी छीन लिया। भाजपा भी इस राजनीति की शिकार हुई और उसे भी दिल्ली विधानसभा चुनावों में केजरीवाल के हाथों लगातार दो बार करारी हार का सामना करना पड़ा।
दिल्ली की रामलीला मैदान में हुई आम आदमी पार्टी की महारैली में ये बातें सामने आईं। आप नेताओं ने कहा कि बदले हुए दौर में अब भाजपा और कांग्रेस ने भी इस फॉर्मूले को आजमाना शुरू कर दिया है। भाजपा किसानों को आर्थिक सहायता, मुफ्त आवास योजना, राशन योजना, पांच लाख रूपये तक के मुफ्त इलाज का वादा जैसे लोकलुभावन वादे कर केंद्र में दुबारा सत्ता में आने में कामयाब हुई तो कांग्रेस ने इसी तरह के वादों पर हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में बड़ी जीत हासिल की। अरविंद केजरीवाल ने खुद यह आरोप लगाया है कि भाजपा और कांग्रेस अब उनके वादों की नकल कर रहे हैं।
बड़ा प्रश्न है कि यदि भाजपा और कांग्रेस भी मुफ्त के वादों पर खुलकर राजनीति करने लगे हैं तो अरविंद केजरीवाल की राजनीति का क्या होगा? जनता किसके वादों पर भरोसा करेगी और क्या अब भी केजरीवाल भाजपा या कांग्रेस से कोई राज्य छीनने में कामयाब हो सकेंगे?
सत्ताधारी दल के वादे ज्यादा विश्वसनीय
राजनीतिक विश्लेषक संजय कुमार ने अमर उजाला से कहा कि जनता हमेशा सत्ताधारी दल के वादों पर ज्यादा भरोसा करती है। सत्ताधारी दल अपने शासनकाल के अंत में विभिन्न योजनाओं के नाम पर भारी पैसा खर्च कर जनता को अपने भरोसे में ले सकते हैं जिसका उन्हें चुनाव में भी लाभ मिलता है। केंद्र में भाजपा ने 2019 में सत्ता में आने के पहले इसी तरह किसानों को प्रतिवर्ष 6 हजार रूपये की आर्थिक सहायता का दांव खेला था जो बहुत कारगर साबित हुआ।
इसी प्रकार दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में जनता ने सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी पर ज्यादा भरोसा किया जो उन्हें लगातार मुफ्त बिजली, पानी जैसी योजनाओं का लाभ दे रही थी। इसी चुनाव में भाजपा ने महिलाओं को स्कूटी, छात्रों को लैपटॉप जैसे बड़े वादे किये, कांग्रेस ने 600 यूनिट मुफ्त बिजली और आर्थिक सहायता देने की घोषणा की, लेकिन जनता ने उनका भरोसा नहीं किया। जनता यह भी देखती है कि कौन राजनीतिक दल उन वादों को पूरा करने में सक्षम है।
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