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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी, फर्जी दस्तावेज से लेता था महंगा फोन फिर ओएलएक्स पर बेचकर ठगी
न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
आरोपी की पहचान जवाहर नगर बिल्हौर, कानपुर (यूपी) निवासी अनुराग कटियार के रूप में हुई है। बदमाश पिछले दो साल से कई राज्यों में 50 लोगों से ठगी कर चुका है।
पुलिस ने फर्जी कागजात से कीमती मोबाइल फोन खरीदने के बाद उसे ओएलएक्स के जरिए सस्ती दर पर बेचकर ठगी करने वाले जालसाज को गिरफ्तार किया है। बदमाश पिछले दो साल से कई राज्यों में 50 लोगों से ठगी कर चुका है।
आरोपी की पहचान जवाहर नगर बिल्हौर, कानपुर (यूपी) निवासी अनुराग कटियार के रूप में हुई है। 19 जुलाई को गृह मंत्रालय के साइबर पोर्टल से साइबर सेल को एक शिकायत मिली थी। आदर्श नगर निवासी साकार अत्री ने बताया कि उसने ओएलएक्स पर कीमती मोबाइल का विज्ञापन देखा। जिसे रियायती दाम पर बेचा जा रहा था।
उसने विक्रेता से बात कर 29 मई को आदर्श नगर मेट्रो स्टेशन के पास 72 हजार रुपये में खरीद लिया। विक्रेता ने खुद को यूपी पुलिस का सब इंस्पेक्टर बताया। 14 जुलाई को सैमसंग कंपनी ने उनके मोबाइल फोन को ब्लॉक कर दिया। जांच में पता चला कि लोन पर मोबाइल लिया गया था और उसके किस्त नहीं चुकाए गए हैं। इसके बारे में आरोपी ने बताया नहीं था।
पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया और थाना प्रभारी विजेंद्र के नेतृत्व में आरोपी को पकड़ने के लिए तकनीकी जांच शुरू कर दी। छानबीन के दौरान पुलिस ने देखा कि आरोपी एक बार फिर ओएलएक्स पर फोन बेचने का विज्ञापन दिया है। पुलिस ने ग्राहक तैयार कर आरोपी से फोन खरीदने की बात की और फिर बुधवार को फोन खरीदने के बहाने उसे मॉडल टाउन इलाके में बुलाकर गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह फर्जी कागजात के जरिए लोन लेकर सैमसंग कंपनी का कीमती फोन खरीदता था और फिर ओएलएक्स पर सस्ते दाम पर बेचकर लोगों से ठगी करता था।
एक ही संपत्ति को गिरवी रख करोड़ों ठगे
एक ही संपत्ति को बैंक और फाइनेंस कंपनी में गिरवी रखकर तीन करोड़ से ज्यादा रुपये का गबन करने वाले आरोपी को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान नारायणा निवासी पवन मोघा के रूप में हुई है।
पुलिस उपायुक्त रवि कुमार सिंह ने बताया कि ग्लोबल फाइनेंस लिमिटेड के एक प्रतिनिधि ने साल 2020 में करोड़ों रुपये के गबन की शिकायत की। शिकायत में बताया कि गणेश ट्रेडिंग कंपनी के मालिक गंभीर और पत्नी रेणुका ठाकुर ने नारायणा स्थित एक संपत्ति को गिरवी रखकर 2.77 करोड़ रुपये का कर्ज लिया। लेकिन वह कर्ज को वापस नहीं कर पा रहे थे।
जांच करने पर पता चला कि उस संपत्ति को पहले ही एक सरकारी बैंक में गिरवी रखकर 1.5 करोड़ रुपये का कर्ज लिया जा चुका है। इस संपत्ति को बैंक ने नीलाम कर दिया था। जांच में पता चला कि संपत्ति का मालिक पवन मोघा और पत्नी रजनी मोघा थे। दोनों ने इस संपत्ति को कई लोगों को बेचा। कुछ साल पहले आरोपी पवन की मुलाकात गंभीर से हुई।
दोनों ने उसी संपत्ति पर दूसरे बैंक से कर्ज लेने के लिए साजिश रची। इसके बाद पवन मोघा ने गंभीर की पत्नी रेणुका ठाकुर के पक्ष में इस संपत्ति को बेच दिया। साक्ष्य मिलने के बाद निरीक्षक विजय पाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने आरोपी पवन को नारायणा से गिरफ्तार कर लिया।