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8 साल में खुले 9,177 जन औषधि केंद्र, अब अगले एक साल में 10 हजार का टारगेट

Rani Sahu
7 March 2023 3:20 PM GMT
8 साल में खुले 9,177 जन औषधि केंद्र, अब अगले एक साल में 10 हजार का टारगेट
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नई दिल्ली, (आईएएनएस)| पिछले 8 साल में केंद्र सरकार ने देशभर में 9,177 जन औषधि केंद्र खोले हैं। इसके बाद अब केंद्र सरकार का टारगेट अगले एक साल में जन औषधि केंद्रों की कुल संख्या 10,000 करने का है। केंद्र का कहना है कि यह टारगेट पूरा कर लिया जाएगा। यह बात केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने जन औषधि दिवस के एक कार्यक्रम में कही।
इस अवसर पर उन्होंने बताया कि देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इन केंद्रों को खोला गया है जहां लाखों लोगों को सस्ती और अच्छी दवाईयां मिल रही हैं। उन्होंने डॉक्टरों से भी आह्वान किया कि वे अच्छी और सस्ती दवाईयां मरीजों को लिख कर दें ताकि उन्हें इसका फायदा मिल सके। अगर डॉक्टर इन दवाइयों को लिखकर नहीं देंगे तो लोगों को भी सही ढंग से सुविधा नहीं मिल पाएगी। उन्होंने कहा कि डब्ल्यूएचओ द्वारा प्रमाणित किए गए फार्मा उद्योगों से ही इन दवाईयों को खरीदा जाता है। उन्होंने कहा कि जो दवाइयां हजारों रुपये की होती थीं, आज वह चंद रुपयों की हो गई हैं ताकि इन्हें आम आदमी तक आसानी से पहुंचाया जा सके।
केंद्र सरकार जन औषधि केंद्र खोलने के लिए 5,00,000 रुपए तक की आर्थिक सहायता दे रही है।इसके लिए संबंधित पात्र व्यक्ति के पास जरूरी जगह और फार्मासिस्ट का डिप्लोमा होना चाहिए। इसके साथ युवाओं को जहां रोजगार मिलेगा वहीं, उन्हें जन सेवा करने का मौका भी मिलेगा। सरकार दवाइयों की गुणवत्ता पर खास तौर पर नजर रख रही है। जनऔषधि केंद्र खोलने के लिए महिलाओं, दिव्यांगों, सेवानिवृत्त सैनिकों, अनुसूचित जाति एवं जनजाति वर्ग के लोगों, पर्वतीय क्षेत्रों एवं द्वीप समूह क्षेत्रों के लोगों के लिए भी 2 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद दी जाती है।
ठाकुर ने बताया कि जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाईयां उपलब्ध होने से आम मरीजों और उनके परिजनों को बहुत बड़ी राहत मिली है। देशभर में संचालित किए जा रहे 9,000 से अधिक केंद्रों के माध्यम से मरीजों को सस्ती दवाईयां, सर्जिकल उपकरण और अन्य आवश्यक चिकित्सा सामग्री 50 से 90 प्रतिशत तक कम दामों पर उपलब्ध करवाई जा रही है। अनुराग सिंह ठाकुर ने बताया कि इन केंद्रों के कारण अभी तक मरीजों की कुल 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हो चुकी है। इस योजना के तहत लोगों को 1,759 प्रकार की हाई क्वालिटी दवाईयां और 280 प्रकार के सर्जिकल उपकरण उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि आज जनऔषधि केंद्र, स्वरोजगार के केद्रों के रूप में भी अपनी पहचान बना चुके हैं।
--आईएएनएस
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