डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयन नहीं हुआ तो हाईकोर्ट पहुंचा युवक, याचिका खारिज
बिलासपुर। मॉडल आंसर पर आपत्ति उठाते हुए पीएससी के खिलाफ दायर एक अभ्यर्थी की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।सीजीपीएससी ने वर्ष 2011 में विज्ञापन जारी कर प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा ली। मुख्य नतीजे घोषित होने पर कुछ प्रश्नों के जवाब पर अभ्यर्थी आलोक कुमार जायसवाल ने दावा-आपत्ति प्रस्तुत की। इसका निराकरण किए …
बिलासपुर। मॉडल आंसर पर आपत्ति उठाते हुए पीएससी के खिलाफ दायर एक अभ्यर्थी की याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है।सीजीपीएससी ने वर्ष 2011 में विज्ञापन जारी कर प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा ली। मुख्य नतीजे घोषित होने पर कुछ प्रश्नों के जवाब पर अभ्यर्थी आलोक कुमार जायसवाल ने दावा-आपत्ति प्रस्तुत की। इसका निराकरण किए बिना ही पीएससी ने इंटरव्यू के लिए पात्र अभ्यर्थियों की सूची जारी कर दी। इसमें जायसवाल का नाम शामिल था। इस बीच पीएससी ने कुछ सवालों के जवाब संशोधित करते हुए मॉडल आंसर जारी किए। प्रक्रिया पूरी होने के बाद जायसवाल का चयन डिप्टी कलेक्टर के पद पर नहीं हुआ जबकि अन्य पद के लिए हो गया। इस पर जायसवाल ने वर्ष 2014 में हाई कोर्ट में याचिका लगाई।
इस पर जस्टिस रजनी दुबे की बेंच में सुनवाई हुई। याचिका में दावा-आपत्ति का निराकरण नहीं करने को मुख्य आधार बनाया गया था। जस्टिस रजनी दुबे की बेंच ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने चयन प्रक्रिया में आखिर तक भाग लिया। जब डिप्टी कलेक्टर के पद पर उसका चयन नहीं हुआ तो याचिका लगाई।