खदान में ब्लास्टिंग का असर गांवों में दिखा, ग्रामीण दहशत में
बिलासपुर। जिले के मस्तूरी क्षेत्र में क्रशर खदानों से 50 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं। यहां होने वाली ब्लॉस्टिंग से लोग दहशत में हैं। तीन दिन पहले यहां ब्लास्टिंग से एक स्कूल का प्लास्टर गिर गया, जिसमें दो छात्राएं घायल हो गईं। आए दिन हो रही ब्लॉस्टिंग से गांव के कई घरों में दरारें आ …
बिलासपुर। जिले के मस्तूरी क्षेत्र में क्रशर खदानों से 50 से ज्यादा गांव प्रभावित हैं। यहां होने वाली ब्लॉस्टिंग से लोग दहशत में हैं। तीन दिन पहले यहां ब्लास्टिंग से एक स्कूल का प्लास्टर गिर गया, जिसमें दो छात्राएं घायल हो गईं। आए दिन हो रही ब्लॉस्टिंग से गांव के कई घरों में दरारें आ चुकी हैं।
स्कूल में हुए हादसे के बाद राजस्व और खनिज विभाग की टीम ने खदानों का जायजा लिया। जिसके बाद कलेक्टर ने चार खदानों को सील करने के निर्देश दिए हैं। दरअसल, मस्तूरी क्षेत्र के कोसमडीह और मोहतरा के आसपास 30 से 35 क्रशर और चूना पत्थर की खदानें हैं, जहां ब्लास्टिंग की जा रही है। लोगों का आरोप है कि नियमों को दरकिनार कर खदान रिहाइशी इलाके में चल रही है।
कोसमडीह में भी इसी तरह से क्रशर संचालित हैं, जिससे ब्लास्टिंग के बाद आसपास के गांव दहल जाते हैं। क्रशर खदानों से जहां प्रदूषण फैल रहा है, वहीं ,नियमों का ताक पर रखकर की जा रही ब्लास्टिंग से गांव के लोग दहशत में हैं। आसपास के गांव के लोगों ने बताया कि खदानों में ब्लॉस्टिंग का कोई मापदंड और नियम नहीं है। पूरे दिन ब्लास्टिंग होती है। इस दौरान जब दीवारें हिलने लगती हैं तो लोग घरों से बाहर निकल जाते हैं। वहीं, स्कूली बच्चे और टीचर भी दहशत में क्लास रूम से बाहर निकलने पर मजबूर होते हैं।