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गौठान से महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मिला आय का नया ज़रिया, वर्मी कम्पोस्ट विक्रय कर 5 लाख रुपए हुई आमदनी

jantaserishta.com
9 Jun 2023 2:36 AM GMT
गौठान से महिला स्व-सहायता समूह की महिलाओं को मिला आय का नया ज़रिया, वर्मी कम्पोस्ट विक्रय कर 5 लाख रुपए हुई आमदनी
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गरियाबंद: छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना ने लोगों के जनजीवन में बदलाव लाने तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कारगर माध्यम साबित हुआ है। इस योजना ने अपनी महत्ता और सार्थकता से ग्रामीणों के जीवन में ख़ुशहाली लाने का काम किया है। इस योजना से लोगों को अतिरिक्त आय का साधन मिला और साथ ही ग्रामीण महिलाओं को मुख्य रूप से रोजगार के अवसर प्रदान किया है। इस योजना के बेहतर क्रियान्वयन से ग्रामीण महिलाएं स्वरोजगार की दिशा में अग्रसर हो रहीं है।
गरियाबंद जिले के ग्राम भेंड्री में गोधन न्याय योजना के तहत नियमित गोबर खरीदी हो रही है। गौठान में रानी दुर्गावती महिला स्व-सहायता समूह कार्य कर लाभान्वित हो रही है। समूह की महिलाएं योजना के तहत खरीदे गए गोबर से वर्मी कम्पोस्ट निर्माण कर रहीं है। इस समूह में कुल 15 सदस्य कार्यरत हैं। समूह की सभी सदस्य नियमित रूप से गौठान आकर वर्मी कम्पोस्ट बनाने का कार्य कर रही हैं। रानी दुर्गावती स्व-समूह ने एक हजार 252 क्विंटल वर्मी कम्पोस्ट विक्रय कर लगभग 5 लाख रुपए की आमदनी की है।
समूह के सदस्य बताते हैं कि इस योजना से हमें गांव में ही रोजगार मिला है। इससे हमें अतिरिक्त आय की प्राप्ति हो रही है। गोधन न्याय योजना से हमें बहुत सहारा मिला है। इस योजना से हम सभी महिलाएं खुश हैं। समूह की महिलाओं ने इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए छत्तीसगढ़ सरकार का धन्यवाद ज्ञापित किया।
उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी और गोधन न्याय योजना लोगों के लिए बेहद लाभकारी साबित हो रही है। ग्रामीण परिवेश में निवासरत लोगों के लिए यह योजना आर्थिक उन्नति का माध्यम बनकर उभरा है। शासन के प्रयासों से गौठानों में ही आजीविका मूलक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। ताकि गांव के लोगों को गौठानों में ही रोजगार के नये अवसर मिलने के साथ उनको अतिरिक्त आय का जरिया भी प्राप्त हो सके।
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