CG-DPR

महिलाएं सफल उद्यमी बनने की राह पर अग्रसर

jantaserishta.com
30 May 2023 2:33 AM GMT
महिलाएं सफल उद्यमी बनने की राह पर अग्रसर
x
सूरजपुर: ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के लिए शुरू की गई रीपा यानी कि महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क से महिलाओं को अच्छा अवसर मिल रहा है। उन्हें यहां कई तरीके की आर्थिक गतिविधियों से जोड़ा गया है। कलेक्टर संजय अग्रवाल एवं जिला पंचायत सीईओ सुश्री लीना कोसम के निर्देषन में विकासखण्ड सूरजपुर अंतर्गत रीपा गौठान बसदेई में टसर (ककुन) से धागाकरण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। महिलाएं सफल उद्यमी बनने की राह पर अग्रसर हो रही हैं। वहां रेशम धागाकरण समिति की महिलाओं ने कोकून से रेशम धागा तैयार करने का काम शुरू किया है। ये महिलाएं घर का काम-काज निपटा कर रीपा आती हैं और धागा बनाने के काम में जुट जाती हैं। चाका बोडा कोरबा की प्रषिक्षक श्रीमती फूलबाई प्रधान पिछले 15 दिवस से बसदेई की भारती स्वयं सहायता समूह की महिलाओं को प्रषिक्षण दे रही है। भारती स्वयं सहायात समूह में छाया वस्त्रकार, श्रीमती फुलेष्वरी सिंह, श्रीमती सरिता राजवाड़े, श्रीमती मालती राजवाड़े, श्रीमती मानमती, श्रीमती पिना राजवाड़े, श्रीमती लक्ष्मनिया राजवाड़े, श्रीमती प्यारो राजवाड़े, श्रीमती शान्ति बाई, श्रीमती चमेली राजवाड़े, श्रीमती नीराबाई, श्रीमती सुन्दरी, श्रीमती हेत कुंवर, मान कुमारी है। इनके लिए जिला प्रशासन एवं रेशम विभाग द्वारा समूह तैयार कर 50 बुनियाद धागाकरण मशिनें प्रदाय की गई है। धागाकरण प्रशिक्षण अंतर्गत महिला समूह को ककुन छटनी से ले कर उबालने एवं उच्चतम कोटी के धागे निकालने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है, इस प्रक्रिया में सर्वप्रथम अच्छे ग्रेड के ककुन को छांटा जाता है उसके उपरांत सोडे की सहायता से भांप के माध्यम से 20 से 25 मिनट तक उबाला जाता है। उसके बाद महिलाएं आवश्यकतानुसार कोसा ले कर मशीन की सहायता से धागा निकालती हैं। 1 किलो धागा निकालने हेतु 1000 नग अ ग्रेड के कोसे की आवश्यकता होती है जिसकी कीमत 1950 से 2500 तक होती है, 1 दिन में 150 से 200 ग्राम धागा 1 हितग्राही निकाल सकता है, इससे प्रतिदिवस 250 से 300 रू. एवं 5000 रू. महीने में आय प्राप्त किया जा सकता है।
Next Story