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फाइल फोटो
सारंगढ़ बिलाईगढ़: मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने रायपुर निवास कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ का शुभारंभ किया। योजना का शुभारंभ छत्तीसगढ़ी राजगीत ‘अरपा पैरी के धार’ गीत से हुआ। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने श्रीमती प्रियंका गांधी के विशिष्ट आतिथ्य में बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में विगत 13 अप्रैल 2023 को आयोजित भरोसा सम्मेलन में ‘मुख्यमंत्री आदिवासी परब सम्मान निधि योजना’ की शुरुआत किया था, जिसका विस्तार पूरे राज्य में आज किया गया है। राज्य शासन द्वारा सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ‘मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि‘ योजना प्रारंभ किया गया है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि हमारे कृषि प्रधान छत्तीसगढ़ में सावन-भादो में किसानों के लिए खूब खेती-किसानी का काम रहता है। ऐसे में छत्तीसगढ़ी तीज-त्यौहार उनके थकान को मिटाते हैं। शादी के बाद महिलाएं बचपन के खेल को बंद कर देते हैं, उस खेल को पुनर्जीवित करने के लिए छत्तीसगढ़िया ओलंपिक की शुरूआत की गई है, जिसका आयोजन अब प्रत्येक साल किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के पुरखों द्वारा दिए गए तीज-त्यौहार से हम प्रकृति का संरक्षण के लिए कार्य कर रहे हैं। बालोद से जुड़े महिला प्रतिनिधि को मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘‘तीज-त्यौहार महिला मन अच्छा मनाथौ’।
आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि इस योजना की शुरूआत के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को बधाई एवं शुभकामनाएं। रायगढ़ विकासखंड के लोईंग के सरंपच ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री को बधाई और शुभकामनाएं दी। परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लगातार छत्तीसगढ़ी परम्परा एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए कार्य किया जा रहा है। कृषि मंत्री श्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ी संस्कृति, तीज-त्यौहार, बोली, रहन-सहन की जड़ को मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री श्री बघेल द्वारा लगातार संरक्षण एवं प्रोत्साहन किया जा रहा है। हम छत्तीसगढ़िया सावन-भादो से लेकर पूरे साल भर में आधा साल त्यौहार मनाते हैं। मुख्यमंत्री श्री बघेल इस योजना से आगामी पीढ़ी के लिए छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपरा को धरोहर के रूप में जीवंत कर रहे हैं। वर्चुअल कार्यक्रम में सारंगढ़ बिलाईगढ़ जिले से कलेक्टोरेट में कलेक्टर डॉ. फरिहा आलम सिद्दीकी, अपर कलेक्टर श्रीमती निष्ठा पांडेय तिवारी, नोडल अधिकारी (पंचायत) श्री हरिशंकर चौहान एवं जनपद पंचायत कार्यालय सारंगढ़ में मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक बनर्जी, जनपद अध्यक्ष एवं विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी के साथ सरपंच तथा पंच उपस्थित थे।
राज्य शासन द्वारा प्रदेश के सामुदायिक विकासखण्ड के ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहार, संस्कृति एवं परंपरा को संरक्षित करने के उद्देश्य से ’मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ी पर्व सम्मान निधि’ योजना वर्ष 2023-24 में प्रारंभ की जा रही है। सामुदायिक क्षेत्र के ग्रामों में स्थानीय उत्सव, त्यौहारों, मेला, मड़ई का विशेष महत्व रहता है इस योजना के अंतर्गत ऐसे सभी छत्तीसगढ़ी उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को दो किश्तों में कुल 10 हजार रूपए जारी किए जाएंगे। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 61 विकासखंड सामुदायिक क्षेत्र के अंतर्गत आते है। यह राशि केवल सामुदायिक विकासखण्ड क्षेत्र के ग्राम पंचायतों को देय होगी। कतिपय ग्राम पंचायतों में एक से अधिक गांव, मोहल्ला, टोला स्थित है किंतु योजना के क्रियान्वयन हेतु ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति का गठन किया जाता है। इसमें सरपंच (अध्यक्ष), पुजारी या बैगा सदस्य, ग्राम के 02 बुजुर्ग सदस्य, ग्राम के दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार या पटेल सदस्य एवं ग्राम सचिव को शामिल किया गया है। इन्हें योजना के क्रियान्वयन हेतु मार्गदर्शन जनपद पंचायत स्तर से दिया जाएगा, जिससे राशि का समुचित उपयोग किया जा सके। गांव के किस-किस तीज त्यौहार के लिये इस राशि का उपयोग किया जायेगा, इसका निर्धारण ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय समिति द्वारा किया जायेगा। इस योजना के कियान्वयन की निगरानी-समन्वय संबंधी कार्य जनपद स्तरीय शासी निकाय द्वारा किया जायेगा। इस योजना का विस्तृत प्रचार-प्रसार करते हुए सर्वसंबंधितों की जानकारी में लाया जाये ताकि योजना का लाभ प्रदेश के समस्त सामुदायिक विकासखण्डों के ग्रामीण समाज को प्राप्त हो सके।
इस योजना का उद्देश्य प्रदेश के गैर अनुसूचित ग्रामीण क्षेत्रों के तीज त्यौहारों की संस्कृति एवं परम्परा को संरक्षित करना एवं इन त्यौहारों, उत्सवों को मूल स्वरूप में आगामी पीढ़ी को हस्तांतरण तथा सांस्कृतिक परम्पराओं को अभिलेखन करना। योजना का विस्तार छत्तीसगढ़ के सभी 61 सामुदायिक विकासखण्डों का क्षेत्र है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जनपद पंचायत इस योजना के लिए नोडल एजेंसी है। योजना का स्वरूप-सामुदायिक क्षेत्र के ग्रामों में स्थानीय उत्सवों, त्यौहारो मेला, मडई का विशेष महत्व रहता है। ऐसे सभी छत्तीसगढ़ी उत्सवों, त्यौहारों, संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से प्रत्येक ग्राम पंचायत को राशि उपलब्ध कराई जावेगी। योजना का क्रियान्वयन इकाई ग्राम पंचायत होगी। क्रियान्वयन हेतु ग्राम पंचायत स्तरीय शासी निकाय का गठन किया जाएगा। निकाय का स्वरूप निम्नानुसार होगा, जिसमें ‘ग्राम स्तरीय शासी निकाय’- संबंधित ग्राम पंचायत सरपंच अध्यक्ष, पुजारी / बैगा-सदस्य, ग्राम के दो बुजुर्ग-सदस्य, ग्राम की दो महिला सदस्य, ग्राम कोटवार / पटेल-सदस्य, सचिव, ग्राम पंचायत सदस्य सचिव है। इस योजना का फालोअप जनपद स्तरीय शासी निकाय करेगा, जिसमें अनुविभागीय अधिकारी, राजस्व अध्यक्ष, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जन पंचायत सदस्य सचिव, जनपद पंचायत के अध्यक्ष-सदस्य, विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी सदस्य है। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिले में इस योजना के कियान्वयन की निगरानी एवं समन्वय हेतु उत्तरदायी होंगे। ग्राम पंचायत में कौन-कौन से त्यौहारों में इस राशि का उपयोग किया जाना है। इसका निर्धारण ग्राम स्तरीय शासी निकाय द्वारा किया जाएगा। इस हेतु जनपद स्तरीय निकाय सुझाव दे सकता है। नोडल एजेंसी के द्वारा वित्तीय वर्ष में किसी भी मेला, तिहार पर्व हेतु प्रत्येक ग्राम पंचायत को 10 हजार रूपए दो किश्त में जारी की जायेगी। योजना अंतर्गत व्यय शीर्ष मांग संख्या 30-2515-102-0101-6692-14-012 है। आवश्यकता पड़ने पर आवश्यक संशोधन- स्पष्टीकरण हेतु विकास आयुक्त, विकास आयुक्त कार्यालय रायपुर अधिकृत होगा।
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