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शिक्षक दीया के समान जलकर बच्चों के भविश्य को गढ़ने में प्रकाशवान होते हैं- चंदन कश्यप

jantaserishta.com
6 Sep 2023 3:02 AM GMT
शिक्षक दीया के समान जलकर बच्चों के भविश्य को गढ़ने में प्रकाशवान होते हैं- चंदन कश्यप
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नारायणपुर: सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृश्णन की जन्म दिन शिक्षक दिवस के अवसर पर आज जिला मुख्यालय में मुख्यमंत्री शिक्षा गौरव अलंकरण समारोह का आयोजन शासकीय हायर सेकेण्डी स्कूल बखरूपारा में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि स्थानीय विधायक एवं छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प विकास बोर्ड के अध्यक्ष श्री चंदन कश्यप थे। उन्होंने शिक्षक दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक दीया के समान होते हैं, जो जलकर दूसरों को प्रकाश देते हैं, उसी प्रकार शिक्षक बच्चों की भविश्य को बनाने में बेहतर कार्य करते हैं। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत् शिक्षा विभाग में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृश्णन के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे सबसे पहले शिक्षक बने, राजदूत, उपराश्ट्रपति, राश्ट्रपति बने, उनके जन्म दिवस को यादगार रखने के लिए शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों को सम्मानित करने का अवसर मिला है।
शिक्षक ऐसे प्रकाशवान हैं, जो बच्चों के जीवन कच्ची मिट्टी की तरह होती है, उसे शिक्षक जिस आकार में गढ़ सकते हैं उस दिशा में बच्चों को शिक्षित करने के लिए अपने जीवन को समर्पित कर देते हैं। यदि शिक्षक नही होते तो पूरा विश्व अज्ञानता की ओर चला गया होता। इसलिए कहा गया है कि शिक्षक के बिना जीवन अधूरा है। बच्चों को शिक्षा के बल पर उच्च पदों पर आसीन करने में बेहद योगदान शिक्षकों का ही होता है, इसलिए शिक्षा के बिना जीवन अधूरा माना गया है। बच्चों को डॉक्टर, इंजिनियर, वैज्ञानिक, वकील, राजनितिज्ञ, समाज सेवक जैसे पदों पर पहुंचाने में बहुत बड़ा योगदान शिक्षकों की होती है। सबसे पहले शिक्षक दिवस वर्श 1962 से प्रारंभ की गई थी। शिक्षक दिवस के दिन शिक्षकों को सम्मानित किया जाना चाहिए। नारायणपुर जिले के अबुझमाड़ क्षेत्रों के जिन शिक्षकों ने शिक्षा का अलक जगाएं हैं वे पहली पीढ़ी के इस क्षेत्र के पहले शिक्षक होंगे। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि भविश्य में नारायणपुर जिले के बच्चों के द्वारा राज्य के मेरिट सूची में स्थान बनाने में सफलता प्राप्त करेंगे। उसके लिए शिक्षकों का और अधिक प्रयास करने की आवश्यकता है। बच्चों को गुरूजनों के बताए हुए रास्ते पर चलकर उच्च पदों को प्राप्त करने के लिए मेहनतशील बनने का प्रयास करना चाहिए।
शिक्षक दिवस कार्यक्रम को कलेक्टर अजीत वसंत ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षकों के आदर्शों, सिद्धांतो को मानते हुए उच्च पदों को हासिल करने में बेहद परिश्रम करनी पड़ती है। जिले के अंदरूनी क्षेत्रों में जिन शिक्षकों के द्वारा बेहतर कार्य किये जा रहे हैं वे बधाई के पात्र हैं। जिला प्रशासन के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्य किये जा रहे हैं। जिले के बच्चों को आईआईटी, जेईई, नीट, प्रयास, एकलव्य और सैनिक स्कूल, नवोदय जैसे अच्छे स्कूलो मंे प्रवेश के लिए कोचिंग दिलाई जा रही है। भविश्य में विद्यार्थी जिले का नाम रोशन करने में कामयाब होंगे। शिक्षकों की कड़ी मेहनत ही विद्यार्थियों का जीवन को सफल बनाने में बड़ी भूमिका होती है। कार्यक्रम को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती श्यामबती नेताम, उपाध्यक्ष देवनाथ उसेण्डी ने भी संबोधित किया।
कार्यक्रम में मुख्यमत्री शिक्षा गौरव अलंकरण पुरस्कार 2023 के अंतर्गत जिला मुख्यालय नारायणपुर मंे जिला स्तरीय कार्यक्रम का आयोजन कर शिक्षकों को सम्मानित किया गया। आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम में जिन शिक्षकोें को सम्मानित किया गया। शिक्षादूत पुरस्कार से 5 हजार रूपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया, जिनमें शासकीय ज्ञान ज्योति शाला बड़ेपारा करलखा के प्रधान अध्यापक राधा नाग, शासकीय प्राथमिक शाला भरण्डा के मुकेश कुमार पवार, प्राथमिक शाला अंजरेल के रंजीत कुमार उसेण्डी, कन्या आश्रम शाला कंदाड़ी के अरूण सिंह ठाकुर, प्राथमिक शाला मेचुमपारा के राधेश्याम नेताम और कन्या आश्रम शाला नेलनार के अंजुम कौशिक शामिल हैं। इसी प्रकार ज्ञानदीप शिक्षा अलंकरण से सम्मानित किये जाने वाले शिक्षकों को 7 हजार रूपये और प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया, जिनमें उच्च प्राथमिक शाला मकसोली के शिक्षक फूलचंद सिन्हा, माध्यमिक शाला आदेर के शिक्षक राजेश सिंह चौहान और उच्च प्राथमिक शाला छिनारी के शिक्षक उमेश कुमार सलाम को सम्मानित किया गया तथा सेवानिवृत शिक्षकों को शाल-श्रीफल एवं प्रशस्तिपत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया, जिनमें प्राथमिक शाला उसेबेड़ा के सुंदरसिंह नेताम, प्राथमिक शाला कानागांव के पतिराम मरकाम, माध्यमिक शाला महावीर चौक के बी.एस. फरीदी, माध्यमिक शाला सोनपुर के रणजीत धनेलिया, प्राथमिक शाला मेराली के विश्रामसिंह गंगासागर, पूर्व माध्यमिक शाला बखरूपारा के बलदेवराम मरकाम, माध्यमिक शाला करलखा के कुशदेव देवांगन, माध्यमिक शाला छिनारी के सुकालूराम सलाम, लखनसिंह कुमेटी तथा माध्यमिक शाला डुरकाडोंगरी के गंगूराम कश्यप शामिल हैं।
कार्यक्रम का संचालन डाइट के शिक्षक नारायण प्रसाद साहू ने किया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष पंडीराम वड्डे, नगरपालिका उपाध्यक्ष प्रमोद नेलवाल, पार्शदगण, सहित अन्य जन प्रतिनिधि, मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत श्री देवेश कुमार ध्रुव, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास बद्रीश सुखदेवे, जिला शिक्षा अधिकारी राजेन्द्र झा, संबंधित अधिकारी कर्मचारी सहित जिले के शिक्षक शिक्षिकाएं सहित छात्र छात्राएं उपस्थित थे।
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