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विशेष लेख: स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों में हर वर्ग के बच्चों को मिल रही है निःशुल्क उत्कृष्ट शिक्षा

jantaserishta.com
7 Sep 2023 2:27 AM GMT
विशेष लेख: स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट स्कूलों में हर वर्ग के बच्चों को मिल रही है निःशुल्क उत्कृष्ट शिक्षा
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मनोज सिंह, सहायक संचालक
रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की परिकल्पना अब साकार हो रही है। प्रदेश की स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी और हिंदी माध्यम स्कूल से राज्य के लाखों बेटे, बेटियों की जिन्दगी संवर रही है। इसका लाभ सुदूर वनांचल हो या मैदानी इलाका, प्रत्येक जगह देखने को मिल रहा है और आधुनिक शिक्षा की उजली तस्वीर देखने को मिल रही है। प्रदेश में वर्तमान सत्र 2023-24 में 377 अंग्रेजी माध्यम उत्कृष्ट विद्यालय तथा 349 हिंदी माध्यम विद्यालय कुल 726 स्कूल संचालित किए जा रहे है। स्कूल में 1 लाख 70 हजार बच्चे अंग्रेजी माध्यम और 2 लाख 20 हजार बच्चे हिन्दी माध्यम में पढ़ाई कर रहे है। राज्य सरकार की पहल से आज सुदूर अंचल के बच्चों को भी अंग्रेजी माध्यम स्कूल में खेलने के लिए बढ़िया मैदान, आधुनिक प्रयोगशाला, पुस्तकालय, जैसी सुविधाओं का लाभ मिल रहा है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन में शुरू की गयी स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों ने पालकों के आर्थिक बोझ को कम कर दिया है और पालकों के मन की चिन्ताएं दूर हो गई हैं। आज अंग्रेजी माध्यम स्कूल मैं पढ़ाई करके बच्चे अपनी प्रतिभा को बेहतर रूप में निखार रहे हैं।
योजना ने आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के बच्चों का आत्मविश्वास और स्वाभिमान बढ़ाया है। अंग्रेजी विद्यालयों में अध्ययनरत विद्यार्थीयों ने बोर्ड परीक्षाओं में मेरिट में अपना स्थान बनाया है। इन विद्यालयों में स्मार्ट क्लास, सुंदर भवन मार्डन पुस्तकालय, खेल मैदान, उत्कृष्ट प्रयोगशाला लैब आदि का बेहतर संचालन किया जा रहा है। जिससे प्रदेश में शासकीय विद्यालयों के प्रति बच्चों और पालकों के मन में लोकप्रियता बढ़ी है। स्वामी आत्मानंद विद्यालयों के संचालन से निर्धन गरीब वर्ग के बच्चों को उच्च गुणवत्ता के अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा प्राप्त होने से पालकों में बहुत उत्साह है। जिसके कारण सभी जगह से और भी आत्मानंद स्कूल खोले जाने की मांग लगातार हो रही है। छत्तीसगढ़ सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में निजी और सरकारी शालाओं के बीच के अंतर को कम करने और बच्चों को बराबरी के अवसर देने के लिए यह योजना शुरू की है।
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