CG-DPR

इस वाहन में बैठने और सोने की व्यवस्था

jantaserishta.com
21 July 2023 2:58 AM GMT
इस वाहन में बैठने और सोने की व्यवस्था
x
रायपुर: छत्तीसगढ़ में पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देने के लिए कारवां गाड़ियों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से मोटर कारवां के पृथक से पंजीयन हेतु टैक्स दर का निर्धारण किया गया है। इसके तहत कारवां गाड़ी के पंजीयन के लिए गाड़ी की कीमत का 10 प्रतिशत टैक्स देना होगा।
गौरतलब है कि राज्य में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशा के अनुरूप परिवहन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में जनसुविधा को ध्यान में रखते हुए परिवहन विभाग द्वारा नये-नये कदम उठाए जा रहे हैं। इस कड़ी में राज्य सरकार नदियो, पर्वत श्रृंखलाओं, हिल स्टेशनों, जंगलों और विरासत स्थलों पर ‘कारवां पर्यटन’ को बढ़ावा देने की योजना बना रही है।
कारवां पर्यटन की अवधारणा ने दुनिया भर में अपार लोकप्रियता हासिल की है। इस नीति के तहत मनोरंजक वाहन या घूमने के लिए प्रयोग किए जाने वाले वाहन, टूरिस्ट वैन या मोटर घरों को उन स्थानों पर अनुमति दी जाएगी, जहां स्थायी निर्माण निषिद्ध है और जहां होटल और रिसॉर्ट दुर्लभ हैं।
इसका उद्देश्य सुरक्षित यात्रा प्रदान करना और टूर ऑपरेटरों को प्रोत्साहित करना है। यह राज्य की प्राकृतिक सुंदरता और अन्य आकर्षणों का आनंद लेने की पर्यटकों को अनुमति देगा और इससे पर्यटन क्षेत्र में स्थानीय रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
आखिर मोटर कारवां क्या है
कारवां एक तरह की यात्री वाहन है, जिसे विशेष प्रयोजन हेतु उपयोग किया जाता है। इस वाहन में बैठने और सोने की व्यवस्था होती है। साथ ही साथ टेबल और किचन भी होता है, कई वाहनों में बाथरूम भी होता है। एक तरह से मोटर कारवाँ एक चलता-फिरता होटल या घर के समान होता है।
कारवां वाहन बनाने के लिये आप कोई नहीं गाड़ी या केवल चेसिस ख़रीद कर उसे पंजीकृत बॉडी बिल्डर से कारवां वाहन बनवा सकते हैं अथवा फिर कोई पुरानी गाड़ी को भी आप मॉडिफाई कर कारवां वाहन बना सकते है, लेकिन कारवां गाड़ी बनाने के लिए पुरानी गाड़ी तीन वर्ष से अधिक पुरानी नहीं होनी चाहिए।
यह टूरिस्ट सर्किट, गंतव्यों में भी परिवार-उन्मुख पर्यटन को बढ़ावा देता है, जहां पर पर्याप्त होटल आवास नहीं होते हैं। यात्रा, अवकाश और आवास के उद्देश्य से मोटर कारवां का उपयोग किया जा सकता है। एडवेंचर टूरिज्म के लिये भी मोटर कारवां का काफ़ी उपयोग किया जाता है। छत्तीसगढ़ में विशाल भूमि क्षेत्र और परिदृश्य है, जो मोटर कारवां पर्यटन के लिए एक नया पहलू जोड़ेगा।
वर्तमान में इको, वन्यजीव, तीर्थ पर्यटन इत्यादि की मांग बढ़ रही है। इसमें दूर-दराज के इलाकों, जंगलों और नदियों में जाना और रहना शामिल है। पर्यटन स्थलों पर पहले से ही आवास की कमी है, विशेष रूप से दूरदराज के क्षेत्रों में और कुछ स्थानों पर जहां स्थायी निर्माण न तो स्वीकार्य हो सकता है और न ही संभव है। ऐसे परिदृश्य में कारवां टूरिज्म प्रभावी रूप से बढ़ती मांग को पूरा कर सकता है, जबकि यह सुनिश्चित करने के साथ-साथ क्वालिटी, स्टैण्डर्ड और सुरक्षा मानदंडों का भी पालन करता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि कारवां पर्यटन युवाओं, परिवारों, वरिष्ठ नागरिकों और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों सहित बाजार क्षेत्रों की एक विस्तृत श्रृंखला को आकर्षित करेगा।
Next Story