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रायपुर: गौठान में बनाए गए रीपा में रेडीमेड वस्त्रों के निर्माण से महिला समूहों को उन्हें न केवल रोजगार मिल रहा है, बल्कि उन्हें अच्छी खासी आमदनी भी हो रही है। महिलाओं द्वारा शुरू किए गए रेडिमेड वस्त्र निर्माण इकाई से 8 से अधिक स्व-सहायता समूह की महिलाएं जुड़ी है।
बालोद जिले के ग्राम मार्री बंगला के महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में संचालित रेडीमेड वस्त्र निर्माण इकाई रोजगार उपलब्ध कराने का कारगर माध्यम बन गया है। यहां ग्रामीण युवाओं को गांव में ही रूचि का व्यवसाय मिल रहा है। महिलाओं द्वारा रेडीमेड वस्त्रों के निर्माण से उन्हें अब तक 02 लाख 56 हजार रुपये की आमदनी मिल चुकी है।
इस रेडीमेड वस्त्र निर्माण इकाई में पेटीकोट, टी-शर्ट के रेडीमेड वस्त्र निर्माण किया जा रहा है। इस रेडीमेड इकाई में निर्मित सामग्रियों का मूल्य 06 लाख 97 हजार रुपये तथा उत्पादित सामग्रियों की कुल लागत 04 लाख 91 हजार रुपये है। इस इकाई में सांई बाबा स्वसहायता समूह, जय मां तुलसी स्वसहायता समूह, भारत माता स्वसहायता समूह, जय गंगा मईया स्वसहायता समूह, जय मां शाकम्भरी स्वसहायता समूह, जय मां दंतेश्वरी स्वसहायता समूह, मीनिमाता स्वसहायता समूह, नर्मदा स्वसहायता समूह आदि की महिलाएं जुड़ी हैं।
रेडीमेड वस्त्र निर्माण से जुड़ी श्रीमती हीरमोतीन बाई ने बताया कि उनके गांव में रेडीमेड वस्त्र निर्माण ईकाई के शुरू होने से उन्हें गांव में ही अपने मन पसंद काम मिल रहा है। उन्होंने बताया कि पहले वे अपने घर में सिलाई-बुनाई का कार्य किया करती थी, लेकिन इसके लिए जरूरी सामग्रियों का समूचित प्रबंध नहीं होने से वे इस कार्य को अच्छी तरह से नहीं कर पाती थी। जिसके कारण उसे कोई खास आमदनी नहीं मिलती थी। लेकिन आज उनके गांव के रीपा में रेडीमेडी वस्त्र निर्माण इकाई प्रारंभ होने से उन्हें भरपूर काम मिल रहा है।
श्रीमती पुष्पलता ने बताया कि अपने घरेलू जिम्मेदारियों को पूरा करने के बाद रीपा में आकर रेडीमेड वस्त्र का निर्माण कर रही हैं, जिससे उन्हें अच्छी खासी आमदनी प्राप्त हो रही है। उन्होंने महिलाओं को रोजगार प्रदान के लिए मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सरकार को हृदय से धन्यवाद ज्ञापित किया है।