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लू से बचाव व उसके प्रबंधन के संबंध में स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया एडवायजरी
jantaserishta.com
23 Jun 2023 3:19 AM GMT
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जगदलपुर: ग्रीष्म ऋतु में तापमान में वृद्धि होने के कारण ’लू’ की संभावना अधिक होती है, आम जनता में लू से बचाव व उसके प्रबंधन के सम्बंध में स्वास्थ्य विभाग ने एडवायजरी जारी की है।
लू के लक्षण:- सिर में भारीपन और दर्द का अनुभव होना, तेज बुखार के साथ मुंह का सूखना, चक्कर और उल्टी आना, कमजोरी के साथ शरीर में दर्द होना, शरीर का तापमान अधिक होने के बावजूद पसीने का न आना, अधिक प्यास लगना और पेशाब कम आना, भूख न लगना व बेहोश होना।
लू से बचाव के उपाय:- लू लगने का प्रमुख कारण तेज धूप और गर्मी में ज्यादा देर तक रहने के कारण शरीर में पानी और खनिज मुख्यता नमक की कमी हो जाना होता है. अतः इससे बचाव के लिए निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए बहुत अनिवार्य न हो तो घर से बाहर ना जायें। धूप में निकलने से पहले सर व कानों को कपड़े से अच्छी तरह से बांध लें।पानी अधिक मात्रा में पीए अधिक समय तक धूप में न रहे, गर्मी के दौरान नरम, मुलायम सूती के कपड़े पहनने चाहिए ताकि हवा और कपड़े पसीने को सोखते रहें। अधिक पसीना आने की स्थिति में ओ.आर.एस घोल पीये, चक्कर आने, मितली आने पर छायादार स्थान पर आराम करें। शीतल पेय जल अथवा उपलब्ध हो तो फल का रस, लस्सी, मठा आदि का सेवन करें। प्रारंभिक सलाह के लिए 104 आरोग्य सेवा केन्द्र से निःशुल्क परामर्श लिया जायें। उल्टी, सर दर्द, तेज बुखार की दशा में निकट के अस्पताल अथवा स्वास्थ्य केन्द्र में जरूरी सलाह लिया जायें।
लू लगने पर किया जाने वाला प्रारंभिक उपचार के तहत बुखार पीड़ित व्यक्ति के सर पर ठंडे पानी की पट्टी लगायें, अधिक पानी व पेय पदार्थ पिलायें जैसे कच्चे आम का पना जलजीरा आदि पीड़ित व्यक्ति को पंखे के नीचे हवा में लेटा देवें शरीर पर ठंडे पानी का छिड़काव करते रहे. पीड़ित व्यक्ति को शीघ्र ही किसी नजदीक चिकित्सक या अस्पताल में इलाज के लिए ले आयें. मितानीन या एएनएम से ओ.आर.एस. की पैकेट हेतु संपर्क किया जा सकता है।
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