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कोरबा: महात्मा गांधी नरेगा के तहत जिले में बनाए जा रहे अमृत सरोवर में पौधरोपण एवं सौंदर्यीकरण का कार्य गुणवत्तापूर्ण तरीके से किया जाए। इस कार्य में केंद्र की दिशा-निर्देशों का पूर्णतः पालन किया जाए। अमृतसरोवर के निर्माण में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उक्त निर्देश श्री विश्वदीप मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत ने बुधवार को जिला पंचायत के सभागार में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के कार्यों की विस्तृत समीक्षा बैठक में एसडीओ, आरईएस कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायकों को दिए। इसके साथ ही एसडीओ आरईएस को निर्देश दिए कि जिले के सभी अमृत सरोवर का निरीक्षण अनिवार्य रूप से करें।
सीईओ ने कहा कि सभी पूर्ण अमृत सरोवर में 15 अगस्त को स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्वजारोहण किया जाएगा, जिसकी तैयारियां पूर्ण कर ली जाएं। सीईओ ने कहा कि अमृत सरोवर के किनारे तथा नदीतट वृक्षारोपण महाभियान के तहत नीम, पीपल, बरगद, कदम, बेल, करंज आदि के कम से कम 03 फीट के पौधे रोपित किए जाएं। इसके साथ ही पौधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में 1787 प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास जिन्हें तीसरी किश्त प्राप्त हुए तीन माह बीत चुके हैं, ऐसे अधूरे आवासों को केंद्रित करते हुए सर्वोच्च प्राथमिकता से निर्माण कार्य पूर्ण कराएं। इसके लिए मैदानी अमला सतत् फिल्ड में रहे तथा ग्रामीण हितग्राहियों को आवास पूर्ण करने के लिए प्रेरित करें।
मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने मनरेगा के तहत सृजित मानव दिवस, सृजित महिला मानव दिवस, प्रति परिवार औसत मानव दिवस, वनाधिकार पट्टाधारियों को रोजगार के अवसर, समयबद्ध मजदूरी भुगतान, आधार बेस्ड भुगतान, नेशनल मोबाइल मॉनिटरिंग सिस्टम, रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन, कार्य पूर्णतः, कार्यों की जियोटैगिंग, सामाजिक अंकेक्षण के तहत वसूली, विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों के लिए कार्य, आधार सीडिंग, कचरा पृथककरण शेड निर्माण, कुंआ-तालाब-डबरी निर्माण आदि कार्यों की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि कार्यों में प्रगति लाएं तथा शीघ्र ही निर्माण कार्यों को पूर्ण करें। उन्होंने कहा कि मनरेगा के तहत बनाए गए सोख्ता गड्ढों की जियोटैगिंग शीघ्र पूर्ण करें एवं निर्माण कार्यों का मूल्यांकन समय पर सुनिश्चित किया जाए। ग्रामीण आवासों में छूटे हुए हितग्राहियों के बैंक खाते से आधार सीडिंग प्राथमिकता से कराई जाए। सीईओ ने राज्य के औसत पैरामीटर से नीचे कार्य करने वाले तकनीकी सहायकों पर नाराजगी जताई तथा कार्यों में प्रगति लाने के निर्देश दिए।
उन्होंने कार्यक्रम अधिकारियों को निर्देश दिए कि विशेष पिछड़ी जनजाति परिवारों को हितग्राही मूलक कार्यों से लाभान्वित करने के लिए डबरी निर्माण एवं कूप निर्माण के कार्य में प्रस्ताव देने की बात कही। उन्होंने कहा कि मनरेगा में मजदूरी भुगतान सबसे महत्वपूर्ण है, इसलिए शत् प्रतिशत समयबद्ध मजदूरी भुगतान किया जाए तथा जिले में रिजेक्टेड ट्रांजेक्शन शून्य होना चाहिए।
बैठक में सहायक परियोजना अधिकारी मनरेगा, एसडीओ आरईएस कार्यक्रम अधिकारी, तकनीकी सहायक सहित विभागीय कर्मचारी उपस्थित थे।
jantaserishta.com
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